J&K: श्रीनगर में आतंकियों ने कांस्टेबल की हत्या की, बचाने आई 9 साल की बेटी को भी गोली मारी

Terror attack in Kashmir: घाटी में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक बार फिर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को निशाना बनाया है. इस हमले में राज्य पुलिस के एक सिपाही शहीद हो गए हैं. जबकि उनकी बेटी घायल है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

अशरफ वानी

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  • 24 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST
  • शहीद पुलिसकर्मी का नाम सैफुल्ला कादरी है
  • घाटी में आतंकी हमले की घटनाओं में नहीं आ रही कमी

Terror attack in Srinagar: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने फिर पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. मंगलवार को दहशतगर्दों ने 2 आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया. पहला हमला कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुआ. यहां J&K पुलिस के एक कॉन्स्टेबल पर आतंकियों ने फायरिंग कर दी. इस घटना में कॉनस्टेबल शहीद हो गए. जबकि उनकी 9 साल की बच्ची घायल हो गई है.

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कश्मीर पुलिस के मुताबिक हमला श्रीनगर जिले के सौरा (अंकर) क्षेत्र में हुआ. हमले में शहीद होने वाले पुलिसकर्मी का नाम सैफुल्ला कादरी है. वह श्रीनगर के ही मलिक साब इलाके के रहने वाले थे. आतंकियों ने छुट्टी पर चल रहे सैफुल्ला पर ताबतोड़ गोलीबारी शुरू कर दी थी. बताया जा रहा है कि सैफुल्ला को बचाने की कोशिश कर रही उसकी बेटी भी इस दौरान घायल हो गई. आतंकियों ने उसकी बाह में गोली मारी थी.

आतंकियों की गोलीबारी में शहीद सैफुल्ला. इनकी 9 साल की बेटी को भी आतंकियों ने गोली मारी है.

दूसरे हमले की बाच करें तो यह घाटी के कुलगाम में हुआ है. जिले के यारीपोरा इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंककर फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में 15 आम नागरिक घायल हो गए हैं. 

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी पर हुए इस हमले की निंदा करता हूं. कायर हमलावरों ने न सिर्फ कॉन्स्टेबल को मार डाला, बल्कि उनकी 7 साल की बेटी को भी घायल कर दिया. मेरी जानकारी के मुताबिक बच्ची फिलहाल खतरे से बाहर है.

बता दें कि 12 मई को बडगाम में आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया था, जब बडगाम जिले की चडूरा तहसील में राजस्व अधिकारी के पद पर कार्यरत राहुल अपने ऑफिस में मौजूद थे. इस घटना के बाद पूरे कश्मीर में हंगमा मच गया था. कश्मीरी पंडितों ने सरकार से मांग की थी कि उनके कार्यस्थल को कश्मीर से हटाकर जम्मू में शिफ्ट किया जाए. राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में कई दिनों तक कश्मीरी पंडित सड़कों पर उतकर प्रदर्शन करते रहे.

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की पत्नी और पिता से मुलाकात की और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.

आतंकियों ने 2 दिन पहले 22 मई को अमरनाथ यात्रा को लेकर धमकी दी थी. आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया था. पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा गया था. संगठन की ओर से कहा गया था कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं, जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे.

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बता दें कि अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हो रही है, जो 11 अगस्त को समाप्त होगी. 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. इस बार रामबन और चंदनवाड़ी में कैंप बड़े होंगे. इसे देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. बार-कोड सिस्टम के साथ RFID टैग और तीर्थयात्रियों पर नज़र रखने के लिए उपग्रह ट्रैकर्स का उपयोग किया जा रहा है. यात्रा के रास्तों और शिविर स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. इसके अलावा कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियों को शामिल किया गया है.

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