जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हाल ही में हुए आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा की गई जांच के बाद हिरासत में लिए गए लोगों से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे हमले की साजिश रचने वालों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिली है.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. इस दौरान महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिससे हमले की साजिश रचने वालों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि अब अरनास और माहोर के दूर-दराज के इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ये इलाके 1995 से 2005 के बीच आतंकवादियों के गढ़ थे.
बता दें कि रविवार (9 जून) की शाम को कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही 53 सीटों वाली बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, इसके बाद बस खाई में गिर गई थी, इसमें एक नाबालिग समेत 9 लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए थे. बस में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्री सवार थे.
इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. तलाशी अभियान का उद्देश्य सबूत जुटाना और उन आतंकवादियों तक पहुंचना है, जो इन दूरदराज के इलाकों में छिपे हो सकते हैं.
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और क्षेत्र के सभी निवासियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा जिले में हुए हमले में शामिल 4 आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए हैं. साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
राजौरी और जम्मू जिलों के सुंदरबनी, नौशेरा, दोमाना, लम्बेरी और अखनूर इलाकों सहित घाटी के कई जिलों को हाईअलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों पर आतंकी संगठनों द्वारा और हमलों की चेतावनी दी है. अधिकारियों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने आतंकवादी संगठनों द्वारा सुरक्षा बलों के शिविरों, प्रतिष्ठानों पर फिदायीन हमले की योजना के बारे में चेतावनी दी है. इसे लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने को कहा है.
अशरफ वानी