जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि 'मुझे नहीं लगता कि अफजल गुरु को फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ.' उमर अब्दुल्ला के इस बयान से नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि 2001 के संसद हमले में दोषी अफजल गुरु की फांसी से कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसकी जरूरत होती तो जम्मू-कश्मीर सरकार अफजल गुरु की फांसी को कभी मंजूरी नहीं देती. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि अफजल गुरु की फांसी में जम्मू-कश्मीर सरकार की कोई भागीदारी नहीं थी और कहा कि इससे 'कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ.'
'मैं नहीं मानता कि उसे फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ'
अब्दुल्ला ने कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण बात यह थी कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था. अगर आपको यह राज्य सरकार की अनुमति से करना पड़ता तो मैं आपको स्पष्ट रूप से बता सकता हूं कि इसकी अनुमति नहीं मिलती. हमने यह नहीं किया होता. मैं नहीं मानता कि उसे फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ.'
अपने रुख को सही ठहराते हुए, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह मृत्युदंड के खिलाफ हैं और 'अदालतों की अचूकता में विश्वास नहीं करते हैं.' उन्होंने कहा, 'सबूतों के जरिए हमने बार-बार देखा है, हो सकता है कि भारत में नहीं अन्य देशों में, जहां लोगों को फांसी दी गई और फिर आप गलत साबित हुए.'
तीन चरण में होंगे चुनाव
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर, दूसरे चरण में 26 सीटों पर 25 सितंबर और तीसरे चरण में 40 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
बीजेपी ने जारी किया संकल्प पत्र
जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी का संकल्प पत्र जारी किया. उन्होंने कहा कि आजादी के समय से हमारी पार्टी के लिए जम्मू कश्मीर का भूभाग महत्वपूर्ण रहा है. हमने इसे जोड़े रखने के लिए अनेक प्रयास किए हैं.
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 इतिहास बन चुका है, ये कभी लौटकर नहीं आ सकता. क्योंकि यही वो विचारधारा थी जो युवाओं के हाथ में पत्थर थमाती थी. अमित शाह ने कहा कि बातचीत और बम धमाके एक साथ नहीं हो सकते. पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं. अमित शाह ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
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