जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर प्रहार, दो और संगठनों पर केंद्र सरकार ने लगाया बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी नेटवर्क पर नकेल कसते हुए मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:20 PM IST

जम्मू-कश्मीर के दो और संगठन पर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया है. गृह मंत्रालय ने आतंकी नेटवर्क पर नकेल कसते हुए मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने इन दोनों संगठनों को UAPA के तहत अगले 5 साल तक बैन कर दिया है. इसकी जानकारी खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है.

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गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, 'आतंकवादी नेटवर्कों पर प्रहार करते हुए सरकार ने मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) को गैरकानूनी संगठन घोषित किया है.'

शाह ने आगे कहा कि ये संगठन राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के विरुद्ध गतिविधियों में शामिल थे. शाह ने आगे लिखा कि पीएम मोदी की सरकार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और जो कोई भी गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होगा उसको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर प्रतिबंध बढ़ा

मोदी सरकार ने मंगलवार को जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह जानकारी दी थी. शाह ने कहा था कि देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसे पहली बार 28 फरवरी 2019 को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया था.

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जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) के बारे में कहा गया था कि 2019 में प्रतिबंधित होने के बावजूद भी इस संगठन ने चोरी छुपे अपनी गतिविधियां जारी रखी और कश्मीर में आतंकी संगठनों को मदद पहुंचाई. कश्मीर में जैश लश्कर जैसे संगठनों को यह लगातार मदद करता रहा.

आगे कहा गया था कि पिछले 5 सालों में जमात ए इस्लामी ने अल हुदा नाम का ट्रस्ट बनाकर आतंकियों की फंडिंग में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में भी इसने अपनी फंडिंग की गतिविधियां बढाई और राजौरी को इसने अपना एपिक सेंटर बनाया.

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