पीएम के साथ मीटिंग से पहले बोलीं महबूबा- सरकार को PAK से भी बात करनी चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई अहम बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिर से पाकिस्तान को लेकर राग अलापा है. महबूबा मुफ्ती का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से भी बात होनी चाहिए. 

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (PTI) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (PTI)

aajtak.in

  • श्रीनगर ,
  • 22 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • पीएम मोदी की मीटिंग से पहले महबूबा मुफ्ती का बयान
  • पाकिस्तान से भी बात करे भारत सरकार: महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है. 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई अहम बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिर से पाकिस्तान को लेकर राग अलापा है. महबूबा मुफ्ती का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से भी बात होनी चाहिए. 

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि संविधान ने हमें जो अधिकार दिया है, जो हमसे छीना गया है उसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है. पूरे क्षेत्र में शांति करनी चाहिए.

महबूबा मुफ्ती बोलीं कि ये हमसे बातचीत कर रहे हैं, ये लोग तालिबान के साथ भी बात कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में भी सभी के साथ बातचीत करें और पाकिस्तान के साथ भी करें.   

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर केंद्र सरकार का हमेशा रुख यही रहा है कि पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित हुर्रियत नेताओं से कोई बातचीत नहीं होगी. ऐसे में अब जब पीएम मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी मसले पर मीटिंग बुलाई गई है, महबूबा के इस बयान ने फिर नए विवाद को जन्म दे दिया है. 

पीएम मोदी की मीटिंग में शामिल होगा गुपकार ग्रुप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 24 जून को दिल्ली में एक अहम मीटिंग होनी है. इसमें जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों को बुलावा भेजा गया है. मीटिंग से पहले मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला के घर पर गुपकार ग्रुप की बैठक थी, जिसमें फैसला लिया गया है कि जिन्हें न्योता मिला है, वो नेता पीएम के बुलावे को स्वीकारेगा.

यानी फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत अन्य गुपकार ग्रुप के नेता भारत सरकार द्वारा बुलाई मीटिंग में शामिल होंगे. अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की ये सबसे बड़ी पहल है. 

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