जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वक्फ बोर्ड के नए सदस्यों को संबांधित करते कहा कि बोर्ड को केंद्र शासित प्रदेश के 1.25 करोड़ नागरिकों की सेवा के लिए स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और अस्पताल बनाने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड को बहुउद्देश्यीय सामुदायिक हॉल, लड़कियों के छात्रावास, हुनर हाट और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना पर भी विचार करना चाहिए.
केंद्रीय वक्फ अधिनियम के तहत हो रहा काम
सिन्हा ने कहा कि बोर्ड अब केंद्रीय वक्फ अधिनियम के अनुसार काम कर रहा है. इससे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और समुदाय को बड़े स्तर पर लाभ पहुंचाने के लिए संपत्तियों के उपयोग के लिए एक वातावरण तैयार होगा. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. दर्शन अंद्राबी और सदस्यों डॉ. गुलाम नबी हलीम, सैयद मोहम्मद हुसैन, सोहेल काजमी और नवाब दीन का अभिनंदन भी किया.
राज्य में 32 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां
मनोज सिन्हा ने कहा, "मुझे बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूदा समय में 32,000 से अधिक पंजीकृत वक्फ की संपत्तियां हैं. इनमें से कई संपत्तियों में काफी रिटर्न देने की क्षमता है, जिनका उपयोग समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास में किया जा सकता है."
'सर्व पंथ संभव के तहत काम करना चाहिए'
उपराज्यपाल ने कहा, 'भारत में हमने हमेशा सर्व पंथ संभव के सिद्धांत का पालन और प्रचार किया है. इस भारतीय परंपरा जरिए आप सभी को वक्फ बोर्ड के जरिए आने वाले समय में अपना सामाजिक कल्याण गतिविधियों और विकास कार्य करने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अंद्राबी की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड अब अपनी संपत्तियों के सर्वेक्षण, कार्यों के रखरखाव, राजस्व सृजन और संपत्तियों के अतिक्रमण की रोकथाम करने में सशक्त बना है.
2019 में 890 केंद्रीय कानूनों का विस्तार हुआ
उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने 5 अगस्त 2019 को केंद्रीय वक्फ अधिनियम के साथ-साथ 890 केंद्रीय कानूनों का सात दशकों के बाद जम्मू और कश्मीर में विस्तार किया. इससे वक्फ बोर्ड के जरिए डॉ. अंद्राबी और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों को केंद्रशासित प्रदेश और 1.25 करोड़ की सेवा करने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में जीवन के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है.
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