J-K: नए-नए नामों से तैयार किए जा रहे आतंकी संगठन, आम नागरिकों की हत्या के पीछे क्या है मकसद?

जम्मू-कश्मीर में सेना के एनकाउंटर्स से बौखलाए आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. बीते दिन डबल टारगेट किलिंग से कश्मीर फिर से दहल गया. आतंकियों ने गैर-कश्मीरी बेगुनाहों को निशाना बनाया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 17 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST
  • जम्मू-कश्मीर में बढ़ रहीं टारगेट किलिंग्स
  • बीते दिन यूपी और बिहार के नागरिकों की हत्या
  • पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ

जम्मू-कश्मीर में सेना के एनकाउंटर्स से बौखलाए आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. बीते दिन डबल टारगेट किलिंग से कश्मीर फिर से दहल गया. आतंकियों ने गैर-कश्मीरी बेगुनाहों को निशाना बनाया. कुछ ही वक्त के फासले में आतंकियों ने श्रीनगर और पुलवामा में दो लोगों की हत्या कर दी.

पहली वारदात श्रीनगर के ईदगाह इलाके की है, जहां आतंकियों ने बिहार के गोलगप्पे वाले को पास से गोली मार दी. 30 साल का अरविंद कुमार साह उस वक्त रेहड़ी चला रहा था. हत्या के बाद से अरविंद के गांव बांका के पड़घड़ी में मातम पसरा है. मां का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता को यकीन नहीं हो रहा कि उसका बेटा नहीं रहा. भाई आतंकियों की कायराना करतूत पर तमतमाया हुआ है.

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दूसरी वारदात कुछ ही देर बाद श्रीनगर से 148 किलोमीटर दूर पुलवामा में घटी. आतंकियों ने दुकान के बाहर बैठे मजदूरों में से एक को गोली मार दी. सहारनपुर के रहने वाले सागीर अहमद की मौके पर ही मौत हो गई. इस तरह की टारगेट किलिंग करने के लिए आतंकी नए-नए नामों से आतंकी संगठनों को तैयार कर रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग में आई तेजी

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग में तेजी आई है. आतंकी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. 11 दिनों में 3 बड़े आतंकी हमले हुए हैं. 7 अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह इलाके में 2 स्कूल टीचर्स की हत्या हुई थी. आतंकियों ने स्कूल में घुसकर दोनों को पास से गोली मार दी.

 5 अक्टूबर को श्रीनगर में ही जाने-माने फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू की मेडिकल स्टोर में घुसकर हत्या कर दी गई . 68 साल के बिंद्रू उन चुनिंदा लोगों में थे, जिन्होंने 90 के दशक में भी कश्मीर नहीं छोड़ा था. 5 अक्टूबर को ही बिंद्रू की हत्या के एक घंटे बाद अवंतीपोरा में आतंकियों ने गोलगप्पे का ठेला लगाने वाले वीरेंद्र पासवान को मार डाला.

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ISI ने भारत को दहलाने का तैयार किया मास्टर प्लान

वहीं, कश्मीर में टारगेट किलिंग के पीछे पाकिस्तान का भी हाथ सामने आया है. कश्मीर में सख्ती बढ़ी तो पाकिस्तान की बौखलाहट भी बढ़ गई. अब खून-खराबे की साजिश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भी शामिल हो गई है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत को दहलाने का मास्टर प्लान तैयार किया है. वह भी आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर.

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की राह में रोड़ा बने लोगों को अपने रास्ते से हटाने के लिए टारगेट किलिंग की योजना बनाई गई है. आजतक को भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों से ये जानकारी मिली है. पाकिस्तान के इस नापाक प्लान को लेकर खुफिया एजेंसियों ने जो अलर्ट जारी किया है, आजतक के पास उस अलर्ट की कॉपी है.

आतंकी हमलों से सनसनी फैलाना है मकसद

जानकारी के मुताबिक 21 सितंबर को PoK के मुजफ्फराबाद में एक गोपनीय बैठक हुई. इस बैठक में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अफसर और कई आतंकी संगठनों के लीडर शामिल हुए. इस मीटिंग में भारत और जम्मू कश्मीर को आतंक से दहलाने का प्लान तैयार किया गया है. योजना जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की है. मुजफ्फराबाद में हुई बैठक में आईएसआई और आतंकवादी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों का प्लान तैयार किया है.

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आतंकवादियों का पूरा फोकस इस बार टारगेट किलिंग पर है. आईएसआई ने अभी 200 लोगों की एक हिट लिस्ट बनाई है. मकसद है आतंकी हमलों से सनसनी फैलाना. गैर-कश्मीरी, बीजेपी और संघ से जुड़े नेताओं के नाम इस हिट लिस्ट में हैं. कई कश्मीरी पंडितों के नाम शामिल हैं, जो पंडितों की घर वापसी को लेकर कोशिशें कर रहे हैं. इसके अलावा हिट लिस्ट में पुलिस के मुखबिर, सुरक्षा बलों के मददगार, खुफिया विभाग में काम करने वाले कश्मीरी शामिल हैं.

नए-नए नामों से तैयार किए जा रहे आतंकी संगठन

इस बार आतंकवादी संगठन उन आतंकियों का इस्तेमाल करने वाले हैं जो अभी तक सुरक्षा बलों की नजर में नहीं आए हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट किलिंग और हमलों के लिए नए-नए नाम से आतंकी संगठन तैयार किए जा रहे हैं.

ये संगठन हमलों की जिम्मेदारी लेकर जांच एजेंसियों को गुमराह करेंगे. जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में आतंकियों ने कई अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है. जो हत्याएं हुईं उनमें आतंक का एक नया मॉड्यूल सामने आया. आतंकवादी छोटे हथियारों के साथ अपने टारगेट्स को निशाना बना रहे हैं. सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले बढ़े हैं तो वहीं सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें भी हो रही हैं.

(श्रीनगर से अशरफ वानी के साथ आजतक ब्यूरो)

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