जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) अस्पतालों में प्रशासन ने सभी कर्मचारियों और छात्रों को अपने लॉकर की पहचान करने और उन पर नाम, पदनाम और कोड लिखने के निर्देश जारी किए हैं. यह कदम हाल ही में GMC अनंतनाग के एक डॉक्टर के लॉकर से हथियार और गोला-बारूद बरामद होने के बाद उठाया गया है.
प्रशासन की ओर से मंगलवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सभी फैकल्टी सदस्य, विभागाध्यक्ष, पैरामेडिकल स्टाफ और छात्र अपने-अपने लॉकर की पहचान कर 14 नवंबर तक उन पर नाम और विवरण लगा दें. इसके बाद अस्पताल प्रशासन लॉकरों की जांच करेगा और ऐसे अतिरिक्त या बिना उपयोग वाले लॉकरों को हटाया जाएगा जो अस्पताल के गलियारों में जगह घेर रहे हैं.
प्रशासन ने जारी किया सर्कुलर
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि तय समय के बाद जो लॉकर बिना पहचान के रह जाएंगे, उन पर किसी को दावा करने का मौका नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही ट्रांसफर के समय किसी भी कर्मचारी को तब तक एलपीसी (लास्ट पे सर्टिफिकेट), एनओसी या सर्विस बुक जारी नहीं की जाएगी जब तक वह अपने लॉकर को हैंडओवर नहीं कर देता.
सुपरिटेंडेंट ने दिए विभागाध्यक्षों को निर्देश
इसी तरह का आदेश GMC अनंतनाग में भी जारी किया गया है. वहां के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि अपने विभागों और वार्डों में मौजूद लॉकर और अलमारियों की पहचान करें और जिस कर्मचारी को वे आवंटित हैं, उसका नाम उन पर चिपकाएं. बता दें, GMC अनंतनाग के डॉक्टर अदिल अहमद के लॉकर से हथियार और गोला-बारूद मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.
अशरफ वानी