देशभर में दीपावली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने घरों और दुकानों में पूजन के बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दीं. पूजा खत्म होने के बाद बच्चों और बड़ों ने जमकर आतिशबाजी की, जिससे आकाश जगमगा उठा. इस बीच जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर में देश को आजादी मिलने के बाद पहली बार दिवाली मनाई गई है.
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के टीटवाल स्थित शारदा मंदिर एलओसी से सटा हुआ है. 'सेव शारदा कमेटी' के फाउंडर और प्रमुख रविंद्र पंडिता ने बताया कि यहां 75 साल में पहली बार दिवाली पर पूजा हो रही है. यह बहुत खुशी की बात है कि 75 साल बाद लोगों को यह पूजा एक बार फिर देखने के लिए मिली है.
शारदा मंदिर में पूजा में 104 विजय शक्ति ब्रिगेड के कमांडर कुमार दास और सेव शारदा कमेटी के प्रमुख रविंद्र पंडिता उपस्थित हुए. इस दौरान त्रिभोनी गांव के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों और सिखों ने समारोह में भाग लिया. सत्यनारायण पूजा की गई और उपस्थित लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गईं. इस अवसर पर तहसीलदार तंगधार इयाद कादरी, कार्यकर्ता डॉ. संदीप मावा, शारदा समिति के सदस्य अजाज खान, इफ्तिखार, सेवानिवृत्त कैप्टन इलियास, हामिद मीर और त्रिभोनी के सिख उपस्थित थे.
इससे पहले पीओके के नागरिक समाज के सदस्य चिल्हाना की ओर आए और रविंदर पंडिता और सदस्यों को सफेद झंडे लहराते हुए और दिवाली शुभकामनाओं के नारों के साथ बधाई दी. इस अवसर पर टीटवाल सिविल सोसायटी की ओर से केक भी भेंट किया गया.
1947 में कर दिया था कबाइलियों ने हमला
बता दें कि देश के बंटवारे से पहले यहां मंदिर और गुरुद्वारा स्थित था, जहां 1947 तक दिवाली मनाई जाती थी. उसके बाद कबाइलियों ने मंदिर और गुरुद्वारे पर हमला कर उसे जला दिया था. जिसकी बाद वहां फिर कभी दिवाली नहीं मनाई गई, लेकिन 75 साल बाद एक बार फिर वहां ऐसा हुआ.
शारदा मंदिर कहां स्थित है?
शारदापीठ देवी सरस्वती का प्राचीन मंदिर है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शारदा के निकट किशनगंगा नदी (नीलम नदी) के किनारे स्थित है. इस पर भारत का अधिकार है. इसके आसपास का इलाका बहुत सुंदर और मनोरम है.शारदा पीठ मुजफ्फराबााद से करीब 140 किमी और कुपवाड़ा से करीब 30 किमी दूर है.
मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कैसे शुरू हुआ?
दिसंबर 2021 में इस भूमि पर पारंपरिक पूजा की गई. इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सेव शारदा समिति ने एक मंदिर निर्माण समिति का गठन किया. समिति में तीन स्थानीय मुस्लिम, एक सिख और कश्मीरी पंडित शामिल थे. उत्तरी कश्मीर के टीटवाल गांव में 28 मार्च को माता शारदा मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ. मंदिर के साथ-साथ गुरुद्वारा और मस्जिद का निर्माण भी शुरू हुआ. सेव शारदा कमेटी (एसएससी) के पदाधिकारियों ने कहा कि हम यहां भाईचारे की मिसाल कायम करना चाहते हैं.
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