श्रीनगर में आज से शुरू हो रही G 20 समिट में बदलाव, अब गुलमर्ग नहीं जाएंगे विदेशी मेहमान, जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा

जी20 की बैठक को देखते हुए पूरी घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एनएसजी और मरीन कमांडो, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की मदद कर रहे हैं. इसके साथ ही किसी विस्फोटक या आईईडी की जांच के लिए स्कैनर और खोजी कुत्तों को लगाया गया है.  

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G20 की बैठक को लेकर श्रीनगर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. G20 की बैठक को लेकर श्रीनगर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:47 AM IST

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आज से शुरू होने वाली जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने वाली इस बैठक के लिए मरीन कमांडो से लेकर एनएसजी तक की तैनाती हो चुकी है. इस बीच कार्यक्रम में बड़े बदलाव की बात सामने आ रही है.  

दरअसल टूरिज्म वर्किंग ग्रुप सम्मेलन में भाग लेने आए विदेशी मेहमान अब बारामूला के गुलमर्ग नहीं जाएंगे. अधिकारियों ने आखिरी मिनट में ये बदलाव किया है. हिरासत में लिए गए ओवर ग्राउंडर वर्कर के खुलासे के बाद जी20 के मेहमानों की यात्रा को पॉश होटल तक ही सीमित किया गया है.  

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जी20 की बैठक को देखते हुए पूरी घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एनएसजी और मरीन कमांडो, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की मदद कर रहे हैं. इसके साथ ही किसी विस्फोटक या आईईडी की जांच के लिए स्कैनर और खोजी कुत्तों को लगाया गया है.  

जी20 के चीफ को-ऑर्डिनेटर हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को कहा कि श्रीनगर में टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में सबसे अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाला सबसे महत्वपूर्ण आयोजन होगा.  

22-24 मई तक जी20 की बैठक

श्रीनगर 22-24 मई तक तीसरी जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक की मेजबानी करेगा. पहली बैठक फरवरी में गुजरात के रण में और दूसरी अप्रैल महीने में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुई थी. श्रृंगला ने कहा कि वर्किंग ग्रुप की बैठक का व्यापक उद्देश्य भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक पहचान को पेश करना और दुनिया के लिए देश की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देना है.  

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अबतक 118 बैठकों का आयोजन

उन्होंने कहा कि कच्छ के रण से कोहिमा तक और कन्याकुमारी से अब कश्मीर तक 118 बैठकों की मेजबानी की है. हर जगह लगाव की भावना रही है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि श्रीनगर में भी ऐसा ही है. श्रृंगला ने बताया कि बीते साल 1.88 करोड़ पर्यटक जम्मू और कश्मीर आए थे और उनमें से एक बहुत बड़ी संख्या विदेशी पर्यटक थे.   

इस बैठक की पांच प्रमुख प्राथमिकताएं

वहीं टूरिज्म सेक्रेटरी ने कहा कि इस बैठक में पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र ग्रीन टूरिज्म, डिजिटलाइजेशन, स्किल्स, एमएसएमई और डेस्टिनेशन मैनेजमेंट पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यहां फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक साइड इवेंट का आयोजन किया जाएगा. यह कार्यक्रम जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग हितधारकों की भागीदारी का गवाह बनेगा.  

एलजी बोले- प्रदेश के लोगों के पास ऐतिहासिक अवसर 

वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस महीने के 'आवाम की आवाज़' रेडियो कार्यक्रम में कहा, "22 मई से शुरू होने वाली G20 की तीसरी पर्यटन कार्य समूह की बैठक जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के 13 मिलियन नागरिकों के लिए अमूल्य संस्कृति, विरासत, पर्यटन और गर्मजोशी से भरे आतिथ्य का प्रदर्शन करने का एक ऐतिहासिक अवसर है. सभी नागरिकों को आगे आना चाहिए और इस यादगार कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए."  

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गुलाम नबी आजाद ने बताया स्वागत योग्य कदम

इस बीच DPAP चीफ गुलाम नबी आजाद ने कहा कि श्रीनगर में जी20 बैठक का आयोजन एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन शीतकालीन राजधानी जम्मू में इस तरह का आयोजन नहीं करना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है. 

 

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