J-K: आतंकी संगठन ने जारी किया ISI प्रायोजित वीडियो, राजौरी में फिदायीन हमले की ली जिम्मेदारी

11 अगस्त को जिस दिन राजौरी में फिदायीन हमला हुआ था, उसके कुछ घंटों बाद इसी ग्रुप ने पहला प्रोपोगेंडा वीडियो रिलीज किया था. दूसरा वीडियो 13 अगस्त की शाम को जारी किया गया है. जिसमें एक आतंकी जिम्मेदारी लेता हुआ दिखाई दे रहा है. वीडियो में धमकी दी जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार को G-20 सम्मेलन नहीं करने दिया जाएगा.

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आतंकी संगठन ने वीडियो जारी किया आतंकी संगठन ने वीडियो जारी किया

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में फिदायीन हमले के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से प्रायोजित प्रोपेगेंडा वीडियो सामने आया. 'PEOPLE'S ANTI FASCIST FRONT' नाम के नए आतंकी संगठन ने वीडियो जारी किया है और हमले की जिम्मेदारी ली है. वीडियो में एक आतंकी, जिसका चेहरा ब्लर किया गया है, इंग्लिश भाषा बोलते हुए दावा कर रहा है और कह रहा है, "जैसा PAFF ने ईद पर स्पेशल मैसेज में दावा किया था कि वो बड़ा हमला करेंगे, उन्होंने राजौरी में करके दिखाया."

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वीडियो में धमकी दी जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार को G-20 सम्मेलन नहीं करने दिया जाएगा. ये फोर्स उन्हें रोकेगी. वीडियो सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर रिलीज किया गया है.

'आजतक' को जानकारी मिली है कि 11 अगस्त को जिस दिन राजौरी में फिदायीन हमला हुआ था, उसके कुछ घंटों बाद इसी ग्रुप ने पहला प्रोपोगेंडा वीडियो रिलीज किया था. जिसमें कुछ आतंकी हाथ में बंदूक लिए हुए हैं और एक आतंकी कारतूस उठा रहा है. दूसरा वीडियो 13 अगस्त की शाम को जारी किया गया है. जिसमें एक आतंकी जिम्मेदारी लेता हुआ दिखाई दे रहा है.

कश्मीर में टारगेट किलिंग के लिए जिम्मेदार

जांच एजेंसियों के मुताबिक ये सब पाकिस्तान प्रायोजित प्रोपोगेंडा है. जिसमें नए-नए नाम से आतंकी संगठन बनाकर जिम्मेदारी ली जा रही है और उन्हीं नए नाम के आतंकी संगठन कश्मीर में हमले कर रहे हैं और टारगेट किलिंग की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. कुछ दिन पहले ही TRF नाम का एक आतंकी संगठन भी चर्चा में था, जो लगातार हमलों की जिम्मेदारी ले रहा था.

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'आजतक' ने जुलाई में किया था खुलासा

आजतक ने पहले ही दस्तावेजों के साथ जुलाई में खुलासा किया था कि पाकिस्तानी सरकार और वहां की खुफिया एजेंसी कश्मीर में बड़े हमले और खासतौर पर टारगेट किलिंग की वारदातों को अंजाम देने के लिए मुजफ्फराबाद में एक सीक्रेट मीटिंग कर चुकी है. जिसमें खासतौर पर ये तय किया गया था कि कश्मीर में जो भी हमला होगा, उसकी जिम्मेदारी के लिए नए-नए नाम से आतंकी संगठन बनाए जायेंगे और वो ही हमलों की जिम्मेदारी लेंगे.

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