गम, गुस्सा और भविष्य की चिंता... पहलगाम अटैक के बाद कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट

श्रीनगर से लेकर अनंतनाग तक सभी जगह लोगों का यही कहना था कि पर्यटकों को इस तरह निशाना बनाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह नापाक करतूत करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पहलगाम हमले के बाद घाटी में गम और गुस्से का माहौल है.

Advertisement
जम्मू-कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 02 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस दर्दनाक घटना के बाद कश्मीर की घाटी एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार बात सिर्फ दुख की नहीं, बल्कि हौसले और एकजुटता की भी है.

Advertisement

अपनी खास पेशकश में आजतक ने कश्मीर की मौजूदा स्थिति को दिखाने की कोशिश की. 'कश्मीर को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए क्या करना होगा?' इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने स्थानीय लोगों, छात्रों, व्यापारियों और खासतौर पर युवाओं से बात की.

'पर्यटकों पर हमले बर्दाश्त नहीं'

श्रीनगर से लेकर अनंतनाग तक सभी जगह लोगों का यही कहना था कि पर्यटकों को इस तरह निशाना बनाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह नापाक करतूत करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पहलगाम हमले के बाद घाटी में गम और गुस्से का माहौल है. 

'पर्यटक हमारी रोटी का सहारा हैं'

एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'हम शांति चाहते हैं. पर्यटक हमारी रोटी का सहारा हैं, लेकिन आतंकवाद हमें बार-बार पीछे धकेल देता है.' वहीं, एक युवा कश्मीरी ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'भारतीय के रूप में ही हमारा भविष्य सुरक्षित है.'

Advertisement

'हमले का पर्यटन पर बुरा असर होगा'

बातचीत में कश्मीर के लोग अब आतंक के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं. एक कश्मीरी युवक ने कहा, 'हमें हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बांटने की कोशिशें बंद होनी चाहिए. आतंकवाद किसी धर्म का नहीं, इंसानियत का दुश्मन है.' इस रिपोर्ट में होटल कारोबार से जुड़े लोगों ने माना कि हमले का पर्यटन पर बुरा असर होगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement