जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए 40 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया

गगनगीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 40 से अधिक संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. इस हमले में सात लोग मारे गए थे.

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सेना ने आतंकियों की तलाश तेज कर दी है- फाइल फोटो सेना ने आतंकियों की तलाश तेज कर दी है- फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले के गगनगीर में हुए आतंकी हमले की जांच के तहत पूछताछ के लिए 40 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इस हमले में सात लोग मारे गए थे. पुलिस अधिकारियों का कहना ​​है कि हमलावरों ने हमले की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी और आतंकी नेटवर्क के सहयोग से वे अपने मंसूबों को अंजाम देने में सफल रहे.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, 'हम उन्हें (आतंकवादियों को) जल्द या बाद में पकड़ लेंगे. हमने पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.' सुरंग निर्माण स्थल पर हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को पर्यटन स्थल सोनमर्ग से सटे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया.

आतंकियों की तलाश तेज
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एजेंटों ने जरूरी सुबूत के लिए घटनास्थल की छानबीन की है. उधर, सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टुकड़ियां निर्माण क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में छानबीन कर रही हैं, ताकि कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक में शामिल अपराधियों और उनके साथियों का पता लगाया जा सके.

सबसे पहले मजदूरों के मेस को बनाया निशाना
माना जा रहा है कि हमलावर पाकिस्तानी आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी योजना को अंजाम देने से पहले साइट की लेआउट का सावधानीपूर्वक स्टडी किया. उन्होंने अधिकारियों के क्वार्टर में जाने से पहले सबसे पहले मजदूरों के मेस को निशाना बनाया. अधिकारियों को संदेह है कि हमलावरों को साइट के बारे में पहले से जानकारी थी. ऐसा माना जा रहा है कि संभवतः वे पहले वहां काम कर चुके थे या उन्हें उस स्थान पर मौजूद स्थानीय लोगों से समर्थन प्राप्त था. अधिकारियों ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है.

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द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली हमले की जिम्मेदारी
प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस हमले में एक डॉक्टर और छह मजदूर मारे गए. यह हमला उस समय हुआ जब कर्मचारी सुरंग परियोजना पर काम करने के बाद देर शाम अपने शिविर में लौटे थे.

मृतकों में डॉ. शाहनवाज डार, फहीम नासिर, कलीम, मोहम्मद हनीफ, शशि अबरोल, अनिल शुक्ला और गुरमीत सिंह शामिल हैं. हमलावरों की पहचान में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने के लिए एनआईए की जांच टीम ने घटनास्थल का दौरा किया.

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