जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. एक साल से अधिक समय हिरासत में गुजारने के बाद अब महबूबा मुफ्ती रिहा हो गई हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार ने महबूबा मुफ्ती को आज रिहा करने का निर्णय लिया.
महबूबा मुफ्ती को 434 दिन बाद रिहा किया गया है. महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद उनकी बेटी इल्तिजा ने उनके ही ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कठिन समय में साथ देने वालों को धन्यवाद दिया.
रिहाई के साथ ही महबूबा सक्रिय हो गई हैं. महबूबा मुफ्ती शुक्रवार के दिन 16 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर खुशी जाहिर की है. उमर अब्दुल्ला ने महबूबा का स्वागत करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि उन्हें निरंतर हिरासत में रखा जाना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ था.
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के सीताराम येचुरी ने भी महबूबा मुफ्ती की रिहाई पर खुशी जताई है. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि खुशी है कि महबूबा मुफ्ती को 14 महीने की अनुचित हिरासत के बाद आखिरकार रिहा कर दिया गया है. दुख की बात है कि केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन को कानून के दुरुपयोग की भयावहता का एहसास नहीं हुआ. उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर में मुख्य धारा के सभी दलों को केंद्र सरकार के अत्याचार से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए.
वहीं, सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा है कि लंबी अवैध हिरासत के बाद महबूबा मुफ्ती का स्वागत है. उन्होंने यह भी कहा है कि मोदी सरकार को 4 और 5 अगस्त 2019 को अवैध रूप से हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को भी रिहा करना चाहिए.
गौरतलब है कि पिछले साल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पहले प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. महबूबा मुफ्ती को भी दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ हिरासत में ले लिया गया था.
महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री रहते उनका आवास रहे गफूर रोड स्थित फेयरव्यू को उपजेल घोषित कर दिया गया था और उन्हें पुलिस ने वहीं रखा गया था. फारुख और उमर अब्दुल्ला को पहले ही रिहा किया जा चुका था, लेकिन महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि 1 अगस्त के दिन ही तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी.
शुजा उल हक