जम्मू-कश्मीर में चुनाव जल्द, कश्मीरी पंडितों को भागीदारी मिलनी चाहिए: CEC

Jammu Kashmir Election : मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने के संकेत दिए हैं. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के पर उन्होंने कहा कि इससे अब राज्य में चुनाव का रास्ता साफ होगा.

Advertisement
CEC सुशील चंद्रा (फोटो-आजतक) CEC सुशील चंद्रा (फोटो-आजतक)

ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST
  • परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आई
  • अब जल्द चुनाव के संकेत

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के बाद से राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इसी बीच केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा  (CEC) ने राज्य में जल्द चुनाव के संकेत दे दिए हैं. इसके साथ ही परिसीमन की रिपोर्ट पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा है कि वो उन राजनीतिक दलों से सहमत नहीं है जिनका कहना है कि जम्मू को 6 सीटें और कश्मीर को सिर्फ एक सीट दी गई है.  

Advertisement

आज तक से खास बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए. चंद्रा ने कहा है कि कश्मीरी पंडित उनसे भी मिलने आए थे. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर सुशील चंद्रा ने कहा कि यह अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव का रास्ता खोलेगी.

बता दें कि  परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटें बढ़ाने की सिफारिश की है. परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर के लिए कुल 7 सीटें बढ़ाने की बात कही है. इससे विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी. वहीं कश्मीरी पंडितों के लिए भी विधानसभा में 2 सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव दिया है. 

अब इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. इसके बाद एक गजट अधिसूचना के माध्यम से इस आदेश को लागू किया जाएगा. इस रिपोर्ट में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या, उनका क्षेत्र, आकार और जनसंख्या की जानकारी है.

Advertisement


जम्मू और कश्मीर में सीटों की संख्या क्या होगी
रिपोर्ट में जो 7 सीटें बढ़ाई गई हैं उनमें से 6 सीटें जम्मू के हिस्से आएंगी जबकि 1 सीट कश्मीर में. अभी जम्मू क्षेत्र में  37 विधानसभा सीटें हैं जबकि कश्मीर क्षेत्र में 46 विधानसभा सीटें आती हैं. इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या  43 और कश्मीर डिवीजन में सीटों की संख्या  47 हो जाएगी. इसके लागू होने से जम्मू का भी राजनीतिक महत्व बढ़ेगा.
 
अनुसूचित जनजाति को पहली बार आरक्षण
पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें आरक्षित की गई हैं. इनमें से 6 जम्मू में और 3 कश्मीर क्षेत्र में होंगी. फिलहाल इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. जिसकी मांग अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से राज्य की पार्टियां कर रही थीं.

 

 

 

 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement