पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस बार अमरनाथ यात्रा सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है. 3 जुलाई से शुरू हो रही ये यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था का भी इम्तिहान है. आजतक ने इस पवित्र यात्रा के मार्ग से खास रिपोर्ट तैयार की है. इस बार सुरक्षा में महिला कमांडो की तैनाती भी की गई है, जो अमरनाथ यात्रा के रूट पर जिम्मेदारी संभालेंगी. इसके अलावा पहली बार बुलेटप्रूफ 'मार्क्समैन' गाड़ियों को भी सुरक्षा काफिले में शामिल किया गया है.
NH-44 जैसे संवेदनशील मार्गों पर वैली QAT के कमांडोज़ तैनात किए गए हैं. और ड्रोन से पूरे इलाके की चौकसी की जा रही है. वैली QAT के इंचार्ज राजीव ने बताया कि किस तरह सुरक्षा बल लगातार सतर्क हैं और किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं.
अमरनाथ यात्रा के बाद घाटी और डल झील घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए CRPF ने 'ऑपरेशन डल' शुरू किया है, जिसमें उसका वाटर विंग सक्रिय भूमिका निभा रहा है. CRPF की बोट पेट्रोलिंग, अंडरवॉटर स्कैनिंग और सतर्क निगरानी सुनिश्चित कर रही हैं ताकि घाटी में शांति बनी रहे.
इस बार अमरनाथ यात्रा की अवधि 52 दिनों से घटाकर 38 दिन की कर दी गई है, लेकिन सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखी गई है. हर यात्री और पोनी राइडर का डिजिटल पहचान पत्र बनाया जाएगा और सभी सुरक्षा रूट की डिजिटल मैपिंग और ऑडिट किया गया है. क्विक रिस्पॉन्स टीम, बम डिस्पोजल स्क्वॉड, K9 यूनिट, ड्रोन और जॉइंट PCR की तैनाती से यात्रा मार्ग पर सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया गया है कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
जितेंद्र बहादुर सिंह