कश्मीर में कथित 'लव जिहाद' पर बवाल के बीच वापस लौटी एक सिख लड़की, शादी भी रचाई

सिख समुदाय की लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और शादी को लेकर कश्मीर में लगातार बवाल जारी है. इस बीच एक लड़की वापस अपने घर लौट आई है और उसने अपने समुदाय के लड़के से शादी भी कर ली है.

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एक लड़की ने सोमवार को अपने समुदाय में शादी भी कर ली एक लड़की ने सोमवार को अपने समुदाय में शादी भी कर ली

अशरफ वानी

  • श्रीनगर,
  • 30 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST
  • श्रीनगर में कथित जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए
  • दो सिख लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दावा
  • एक लड़की वापस लौटी, उसकी उसके समुदाय में शादी हुई

जम्मू-कश्मीर में कथित लव जिहाद को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. सिख समुदाय की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर निकाह कराने का दावा किया जा रहा है. इसको लेकर श्रीनगर से दिल्ली तक सियासत जारी है. इस बीच जिन दो लड़कियों का धर्मांतरण कर निकाह कराने का दावा किया जा रहा था, उनमें से एक लड़की वापस लौट आई है. उस लड़की की अपने समुदाय में शादी भी करवा दी गई है.

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दरअसल, ये आरोप लगाया जा रहा था कि श्रीनगर में बंदूक की लड़कियों पर पहले दो सिख लड़कियों को अगवा किया. उसके बाद उनका धर्म परिवर्तरन कर उम्रदराज लोगों से उनका निकाह करवा दिया गया. इसके बाद एमपी-यूपी की तरह ही जम्मू-कश्मीर में भी कथित लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की मांग उठने लगी है.

लेकिन अब जानकारी मिली है कि जिन दो लड़कियों के धर्म परिवर्तन का दावा किया जा रहा था, उनमें से एक लड़की वापस लौट आई है. जानकारी के मुताबिक, दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले की रहने वाली एक लड़की की सोमवार को पुलवामा के शादी मार्ग के गुरुद्वारे में शादी करा दी गई. बताया जा रहा है कि शनिवार को सिख संगठनों ने लड़की के अपहरण करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया था, लेकिन उसी दिन शाम को वो लड़की अपने घर लौट आई थी और सोमवार को उसकी शादी सुखप्रीत से कर दी गई. शादी के दोनों दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं.

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वहीं, दूसरे केस में लड़की ने मुस्लिम से शादी कर ली है और उसी के साथ रहना चाहती है. उस लड़की ने कोर्ट में बयान दिया है कि वो अपने पति के साथ ही रहना चाहती है. इस पर लड़की के परिवार वालों का आरोप है कि जिस कोर्ट में लड़की की पेश हुई, उस कोर्ट में उन्हें जाने ही नहीं दिया गया. परिवार का ये भी कहना है कि वो लड़की मानसिक रूप से कमजोर है. 

कानून की बात करें तो भारत में लड़के की 21 और लड़की की 18 साल की उम्र में शादी की जा सकती है. 2018 में 24 साल की केरल की लड़की हदिया से जुड़ा कुछ ऐसा ही केस सामने आया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि किसी को भी अपनी मर्जी का धर्म या अपनी मर्जी का लाइफ पार्टनर चुनने का अधिकार है.

 

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