शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मरीज के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. आरोप है कि एक डॉक्टर ने पहले मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया और फिर बहस के बाद मारपीट की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन और सरकार ने सख्त कदम उठाया है.
जानकारी के अनुसार घायल मरीज अर्जुन पंवार अस्पताल में एंडोस्कोपी के लिए आए थे. जांच के बाद उन्हें दो घंटे का अंतर रखने की सलाह दी गई थी. इसी दौरान सांस की दिक्कत होने पर वे एक अन्य वार्ड में जाकर बेड पर लेट गए. आरोप है कि इसी बात को लेकर डॉक्टर ने उनसे बदतमीजी की और फिर दोनों के बीच कहासुनी हो गई, जो मारपीट में बदल गई.
मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट
घटना सामने आने के बाद अस्पताल परिसर में लोगों की भारी भीड़ जुट गई. तीमारदारों और स्थानीय लोगों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उसे तुरंत सस्पेंड करने की बात कही. लोगों का कहना है कि इससे पहले भी आईजीएमसी में डॉक्टरों के दुर्व्यवहार के मामले सामने आते रहे हैं. मामले में घायल मरीज अर्जुन पंवार ने बताया कि उनके साथ बिना वजह मारपीट की गई. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत रिपोर्ट तलब की और जांच के लिए कमेटी गठित की.
आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि घटना दोपहर करीब 12.30 से 1 बजे के बीच की है. मरीज ओपीडी का था और उसे कोई बेड अलॉट नहीं किया गया था. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार डॉक्टर और मरीज के बीच विवरण पूछने को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद हाथापाई हुई.
मरीज को बेड अलॉट नहीं किया गया था
इसके अलावा डॉ. राहुल राव के मुताबिक घटना की सूचना मिलते ही सरकार को अवगत कराया गया. जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने आरोपी डॉक्टर को अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया है और उसे चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और जांच में जो भी सामने आएगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
विकास शर्मा