हिमाचल में बैंक का सर्वर हैक कर साइबर ठगों ने उड़ाए 11 करोड़ रुपये, फिर 20 खातों में किए ट्रांसफर

बैंक के सिस्टम में घुसने के बाद हैकर्स ने अवैध लेनदेन को अंजाम दिया, चोरी की गई रकम को NEFT और RTGS पेमेंट चैनलों के जरिए 20 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया. अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि रकम किन-किन लोगों के खाते में ट्रांसफर की गई है. 

Advertisement
हैकिंग के लिए कस्टमर के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल (सांकेतिक तस्वीर) हैकिंग के लिए कस्टमर के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल (सांकेतिक तस्वीर)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 20 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

हिमाचल प्रदेश में साइबर फ्रॉड के बहुत बड़े मामले का खुलासा हुआ है. ठगों ने चंबा जिले के हल्टी शाखा से जुड़े एक कस्टमर के बैंक अकाउंट को हैक करके राज्य सहकारी बैंक से 11.55 करोड़ रुपये उड़ा लिए. यह पैसा पहले एक खाते में ट्रांसफर हुआ और इसके बाद 20 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है.

Advertisement

पहले कस्टमर अकाउंट किया हैक

आजतक के पास मौजूद FIR कॉपी के मुताबिक घटना 11 और 12 मई की है, जहां बैंक सर्वर पर मैलवेयर अटैक हुआ और ठगों ने चंबा के कस्टमर अकाउंट को चुना, जहां सबसे पहले रकम लोन की तरह एक खाते में ट्रांसफर की गई. जानकारी के मुताबिक जालसाजों ने पीड़ित को अपने फोन पर HimPaisa नाम का एक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए राजी किया. इस ऐप के जरिए ठगों ने ग्राहक के डिवाइस तक रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया और बाद में बैंक के इंटरनेट बैंकिंग सिस्टम को हाईजैक कर लिया.

ये भी पढ़ें: साइबर क्राइम के खिलाफ सरकार सख्त, पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की ई-जीरो FIR की पहल

बैंक के सिस्टम में घुसने के बाद हैकर्स ने अवैध लेनदेन को अंजाम दिया, चोरी की गई रकम को NEFT और RTGS पेमेंट चैनलों के जरिए 20 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया. अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि रकम किन-किन लोगों के खाते में ट्रांसफर की गई है.

Advertisement

धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद सहकारी बैंक के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) ने 16 मई को शिमला सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और जीरो FIR दर्ज की गई. इसके बाद मामला साइबर पुलिस स्टेशन शिमला को ट्रांसफर कर दिया गया, जहां शनिवार को FIR दर्ज की गई.

स्पेशल टीम कर रही है जांच

आजतक से बात करते हुए डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने कहा, 'हमने बैंक से शिकायत मिलने के बाद FIR दर्ज कर ली है, हमने CERT-In और IFORC के कॉर्डिनेशन में काम करने वाली स्पेशल टीम बनाई है. दिल्ली की टीमें भी जांच कर रही हैं और वे इस मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगी'. उन्होंने बताया कि हमने बीएनएस की धारा 318 (4), आईटी एक्ट 66 डी के तहत FIR दर्ज की है, हमारे पास तकनीकी तौर पर सक्षम और एक्टिव रेस्पॉन्स  सिस्टम है, हालांकि जिस तरह से हिमाचल साइबर पुलिस काम कर रही है, उससे साइबर क्राइम की शिकायतें कम और रिकवरी ज्यादा हो रही है.

ये भी पढ़ें: इस बार पूरी फैमिली डिजिटल अरेस्ट... 5 दिन तक डराते-धमकाते रहे, 1 करोड़ रुपये ठगे

यह एक फैक्ट है कि केंद्रीय टीमें इस बात की भी जांच कर रही हैं कि सरकारी बैंक में चोरी कैसे हुई, क्या बैंक की ओर से सिस्टम सही थे? क्या बैंक के कर्मचारी ऑनलाइन साइबर हमलों के बारे में सतर्क रहते हैं, क्या डेटा लॉग में सही एंट्री की गई थीं, क्या उनके फ़ायरवॉल अपडेट किए गए थे, साथ ही वीकेंड पर कर्मचारियों और खातों की सुरक्षा कैसे मैनेज की गई? ऐसे साइबर हमलों से निपटने के लिए बैंक के पास क्या रेस्पॉन्स और सिस्टम है और इसके पीछे कौन है, क्या बैंक के कर्मचारियों का कोई रोल है या नहीं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement