हिमाचल में बारिश का कहर... किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित, 413 श्रद्धालु रेस्क्यू, 617 सड़कें बंद

इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर राहत कार्यों के वीडियो साझा किए हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को ज़िपलाइन के सहारे नालों को पार करते हुए दिखाया गया है. जैसे ही किन्नौर जिला प्रशासन को फंसे हुए श्रद्धालुओं की सूचना मिली, ITBP और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.

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हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के समलेटू में भूस्खलन के बाद सड़क पर गिरे मलबे और भारी पत्थरों के बीच से गुजरते लोग (PTI Photo) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के समलेटू में भूस्खलन के बाद सड़क पर गिरे मलबे और भारी पत्थरों के बीच से गुजरते लोग (PTI Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते किन्नौर कैलाश यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है और यात्रा मार्ग पर फंसे 413 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया है. अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि बारिश के कारण तंगलिप्पी और कंगरांग में दो अस्थायी पुल बह गए, जिससे श्रद्धालु फंस गए थे.

अधिकारियों के मुताबिक, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर राहत कार्यों के वीडियो साझा किए हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को ज़िपलाइन के सहारे नालों को पार करते हुए दिखाया गया है. जैसे ही किन्नौर जिला प्रशासन को फंसे हुए श्रद्धालुओं की सूचना मिली, ITBP और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रशासन ने बताया कि लगातार बारिश से यात्रा मार्ग पर बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. ट्रेकिंग मार्ग बेहद फिसलन भरे और कई स्थानों पर भूस्खलन से प्रभावित हो चुके हैं, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा है.

इन परिस्थितियों को देखते हुए, किन्नौर कैलाश यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. जो श्रद्धालु वर्तमान में यात्रा मार्ग पर हैं, उन्हें मिलिंग खड्डा और गुफा में सुरक्षित ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए गए हैं.

गौरतलब है कि किन्नौर कैलाश को भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है, जो 19,850 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यात्रा 15 जुलाई से शुरू हुई थी और 30 अगस्त तक चलनी थी.

पूरे हिमाचल में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. 617 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें 4 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं. शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना पड़ा है.

कसौली में 145 मिमी, धरमपुर में 122.8 मिमी, गोहर में 120 मिमी, मालरौं में 103.2 मिमी, बग्गी में 95.9 मिमी, नगrota सुरियां में 93.4 मिमी, नैना देवी में 86.4 मिमी, सुंदरनगर में 80.3 मिमी, कांगड़ा में 71.4 मिमी, बिलासपुर में 70.4 मिमी, धौलाकुआं में 67 मिमी, मंडी में 65.8 मिमी, शिमला में 64.4 मिमी और धर्मशाला में 64 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

मंडी और कुल्लू ज़िलों में सबसे ज़्यादा नुकसान

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 617 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 377 मंडी और 90 कुल्लू ज़िले में हैं, जहां हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं.

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH 21), पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत रोड (NH 05), मंडी-धरमपुर (NH 3) और औट-सैंज रोड (NH 305) को भूस्खलनों के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं, शिमला-कालका नेशनल हाईवे को सोलन जिले के कोटी के पास चक्की मोड़ पर अवरोध के बाद खोल दिया गया है.

सड़कें बंद होने से कई स्थानों पर लंबे जाम लग गए और आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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स्कूल, कॉलेज बंद, जलापूर्ति भी बाधित

शिमला जिले के सुन्नी, कुमारसैन, चौपाल, डोडरा क्वार, जुब्बल, ठियोग और रामपुर, मंडी के करसोग और सुंदरनगर, कुल्लू के निरमंड, और सोलन जिले के कुछ क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं.

शिमला शहर के कई स्कूलों ने छुट्टियों की घोषणा कर दी है या ऑनलाइन कक्षाओं में स्विच कर लिया है.

शिमला जल प्रबंधन निगम (SJPNL) ने भी लोगों को जल स्रोतों में गंदगी बढ़ने के कारण अगले 2–3 दिनों तक जल आपूर्ति बाधित रहने की चेतावनी दी है.

अब तक 1,852 करोड़ का नुकसान, 108 मौतें

20 जून को मानसून के आगमन से अब तक हिमाचल प्रदेश को कुल 1,852 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में 108 लोगों की मौत, 36 लोग लापता, 1,491 बिजली ट्रांसफार्मर और 265 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं.

अब तक 1,738 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 55 बाढ़ की घटनाएं, 28 बादल फटने, और 48 बड़े भूस्खलन हो चुके हैं.

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