PM मोदी ने बाढ़ प्रभावित हिमाचल का किया हवाई सर्वेक्षण, ₹1500 करोड़ की आर्थिक मदद का किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू में बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने आपदा प्रभावित राज्य के ​लिए 1,500 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की. केंद्र सरकार एसडीआरएफ और किसान सम्मान निधि की किस्त जल्दी जारी करेगी.

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पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए हवाई सर्वे किया. (Photo: X/@narendramodi) पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए हवाई सर्वे किया. (Photo: X/@narendramodi)

ऐश्वर्या पालीवाल / हिमांशु मिश्रा

  • शिमला,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, जो इस मानसून में बाढ़, भूस्खलन और लगातार बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए ₹1,500 करोड़ की सहायता की घोषणा की. 

उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. हम इस कठिन समय में लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं और प्रभावित लोगों को निरंतर सहायता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.'

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हिमाचल प्रदेश को ₹1,500 करोड़ की वित्तीय सहायता के साथ केंद्र सरकार एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी अग्रिम रूप से जारी की जाएगी. प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और लोगों को फिर से पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. 

पीएम आवास योजना के तहत बनेंगे घर

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से जिनके घरों को नुकसान पहुंचा है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा. राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत होगी, स्कूलों का पुनर्निर्माण होगा. साथ ही आपदा प्रभावित लोगों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत भी मदद मिलेगी. पशुधन के लिए मिनी किट जारी किया जाएगा. 

विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी. इससे नुकसान का सटीक आकलन करने और प्रभावित लोगों तक सहायता शीघ्र पहुंचाने में मदद मिलेगी. 

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बच्चों की निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए, स्कूल नुकसान की सूचना दे सकेंगे और उसे जियोटैग कर सकेंगे, जिससे समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता प्राप्त हो सकेगी. केंद्र सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों की एक टीम पहले ही हिमाचल प्रदेश भेज दी है. इस टीम द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के लिए आगे की सहायता पर विचार करेगी.

हिमाचल प्रदेश में 370 से अधिक मौतें

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 8 सितंबर के बीच भारी बारिश, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड के कारण 4,122 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) और स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) के अनुसार, राज्य में 370 से अधिक मौतें हुई हैं, जिनमें से 205 लोगों की मौत वर्षाजनित घटनाओं में हुई है, जिनमें 43 भूस्खलन, 17 बादल फटने और 9 लोग फ्लैश फ्लड में मारे गए हैं.

इस पहाड़ी राज्य में 165 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. इसके अलावा, 41 लोग अब भी लापता हैं. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है, जिससे 6,344 घर, 461 दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं. मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में 136 लैंडस्लाइड, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं.

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