हिमाचल प्रदेश: प्रिंसिपल साहब की ब्लंडर स्पेलिंग मिस्टेक, चेक बाउंस होने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सरकारी स्कूल प्रिंसिपल का 7,616 रुपये का चेक शब्दों में गलत लिखने के कारण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बैंक ने इसे रिजेक्ट कर दिया. लोगों ने मजाक उड़ाया और शिक्षा विभाग की स्थिति पर सवाल उठाए. यह घटना शिक्षा में बेसिक गलतीयों पर ध्यान देने की चेतावनी बन गई.

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लोगों ने शेक्सपीयर का जिक्र किया. (Photo: Representational) लोगों ने शेक्सपीयर का जिक्र किया. (Photo: Representational)

अमन भारद्वाज

  • सिरमौर,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:25 AM IST

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रोनहट के प्रिंसिपल का 7,616 रुपये का चेक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. चेक में रकम सही लिखी गई थी, लेकिन शब्दों में बड़ी गलती हुई. 'Saven Thursday six Harendra sixty rupees only.' बैंक ने इसे रिजेक्ट कर दिया.

सोशल मीडिया पर वायरल
चेक की यह गलती सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. लोगों ने प्रिंसिपल की इस गलती पर मजाक उड़ाया. एक यूजर ने लिखा कि शेक्सपीयर भी इतनी 'क्रिएटिविटी' देखकर चुप हो जाते. लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर स्कूल के प्रधान ही हजार और सौ जैसी बेसिक चीजें गलत लिख सकते हैं, तो छात्रों की पढ़ाई की क्या स्थिति होगी?

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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और प्रिंसिपल्स के विदेश भ्रमण पर खर्च की चर्चा के बीच यह घटना शिक्षा विभाग के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी. लोगों ने पूछा कि शिक्षा के मामले में अगर ऐसे गलतियां होती हैं, तो छात्रों का भविष्य कैसा होगा.

बैंक ने किया चेक रिजेक्ट
गलत वर्तनी के कारण बैंक ने चेक को स्वीकार नहीं किया. स्कूल को फिर से सही चेक जारी करना पड़ा. लेकिन तब तक चेक की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी, और यह मामूली लेन-देन एक बड़े ग्रैमर लेसन में बदल गया.

सार्वजनिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
सार्वजनिक प्रतिक्रिया में लोग हंसते-हंसते इस घटना को देख रहे थे, वहीं प्रशासनिक स्तर पर यह शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करने वाली घटना बन गई. प्रिंसिपल को भी अब सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है.

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बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बन सकती है गलती
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि छोटी सी गलती भी कैसे बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बन सकती है. स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षा विभाग के लिए यह चेतावनी है कि बेसिक शैक्षणिक चीजों में भी ध्यान देना कितना जरूरी है.

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