हिमाचल प्रदेश में इस साल के मॉनसून सीजन ने जबरदस्त तबाही मचाई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून से अब तक भारी बारिश, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण 192 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 36 लोग अब भी लापता हैं. इस दौरान 301 लोग घायल हुए हैं.
कहां कितना नुकसान?
बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य भर में 1,500 से ज्यादा घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. 1,524 पशुशालाएं और 298 दुकानें भी पूरी तरह तबाह हो गई हैं. इससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में लोगों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है.
प्राकृतिक आपदाओं की इस श्रृंखला में 27,166 मवेशी और पोल्ट्री वर्ड्स की मौत हुई है, जिससे पशुपालन और डेयरी पर निर्भर परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
सड़क और बिजली व्यवस्था भी चरमराई
भारी बारिश के कारण राज्य की 449 सड़कें और 4 राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) अब भी यातायात के लिए बंद पड़े हैं. इससे आवागमन और आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी बाधा उत्पन्न हुई है. इसके अलावा, 753 विद्युत आपूर्ति योजनाएं और 276 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हुई हैं, जिससे लोगों को बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है.
कुल नुकसान 1753 करोड़ से पार
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून से अब तक प्रदेश को 1753.81 करोड़ रुपये से अधिक का सीधा नुकसान हो चुका है. इसमें बुनियादी ढांचे, पशुधन, मकान और दुकानों के नुकसान सहित अन्य आर्थिक प्रभाव भी शामिल हैं.
सरकार और प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी है. ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है.
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