'...तो हम सब इस्लाम अपना लेंगे', कुरुक्षेत्र में पीएम मोदी ने सुनाया गुरु तेग बहादुर से जुड़ा किस्सा

प्रधानमंत्री मोदी सुबह अयोध्या में राम मंदिर पर भगवा धर्म ध्वज फहराने के बाद सीधे कुरुक्षेत्र पहुंचे. उन्होंने इसे विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत संगम बताया. प्रधानमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस पर एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया.

Advertisement
प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन वे पंजाब के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे. (Photo- PTI) प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन वे पंजाब के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे. (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित भव्य समारोह में कहा कि नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी ने सत्य, न्याय और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा को अपना सबसे बड़ा धर्म माना और इसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गुरु परंपरा की सेवा उसी भावना के साथ करती रहेगी, जिस भावना को गुरुओं ने सदियों तक जीवित रखा.

Advertisement

इस समारोह में हरियाणा के राज्यपाल अशीम कुमार घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित रहे.

प्रधानमंत्री मोदी सुबह अयोध्या में राम मंदिर पर भगवा धर्म ध्वज फहराने के बाद सीधे कुरुक्षेत्र पहुंचे. उन्होंने इसे विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत संगम बताया. उन्होंने कहा, “सुबह मैं रामायण की नगरी अयोध्या में था और शाम को भगवान कृष्ण की पावन धरती कुरुक्षेत्र में आकर धन्य हो गया.”

विशेष सिक्का, डाक टिकट और पंचजन्य स्मारक का लोकार्पण

प्रधानमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस पर एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया. इसके साथ ही उन्होंने भगवान कृष्ण के पवित्र शंख ‘पंचजन्य’ की स्मृति में बनाए गए स्मारक का भी उद्घाटन किया. यह स्मारक ज्योतिसर क्षेत्र में तैयार किया गया है.

'गुरु तेग बहादुर जैसे व्यक्तित्व इतिहास में विरले ही होते हैं'

Advertisement

पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी समर्पित करने का सौभाग्य पाया है. मेरी कामना है कि हमारी सरकार गुरु परंपरा की इसी तरह निरंतर सेवा करती रहे. श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे व्यक्तित्व इतिहास में विरले ही होते हैं. उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा है. मुगल आक्रांताओं के उस काल में गुरु साहिब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया. मुगल आक्रांताओं के उस काल में कश्मीरी हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा था. इस संकट के बीच पीड़ितों के एक दल ने गुरु साहिब से सहयोग मांगा. तब श्री गुरु साहिब ने उन पीड़ितों को जवाब दिया था कि आप सब औरंगजेब को साफ-साफ कह दें कि यदि श्री गुरु तेग बहादुर इस्लाम स्वीकार कर लें, तो हम सब इस्लाम अपना लेंगे.

राम मंदिर फैसले की याद भी की

पीएम मोदी ने कहा कि 5-6 साल पहले एक और अद्भुत संयोग बना था. साल 2019 में 9 नवंबर को जब राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया था, तो उस दिन मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक में था. मैं यही प्रार्थना कर रहा था कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो, करोड़ों रामभक्तों की आकांक्षा पूरी हो. और हम सभी की प्रार्थना पूरी हुई, उसी दिन राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया.

Advertisement

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गुरुओं की परंपरा, हमारे राष्ट्र के चरित्र, हमारी संस्कृति और हमारी मूल भावना का आधार है. मुझे संतोष है कि पिछले 11 वर्षों में हमारी सरकार ने इन पावन परंपराओं को, सिख परम्परा के हर उत्सव को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में भी स्थापित किया है. कुछ समय पहले, जब अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के तीन मूल स्वरूप भारत आए थे, तो ये हर देशवासी के लिए गौरव का क्षण बना था.

मुगलों ने साहिबजादों के साथ क्रूरता की: पीएम

हमारी सरकार ने गुरुओं के हर तीर्थ को आधुनिक भारत के स्वरूप से जोड़ने का प्रयास किया है. करतारपुर कॉरिडोर का काम पूरा कराना हो, हेमकुंड साहिब में रोप वे प्रोजेक्ट का निर्माण करना हो, आनंदपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा संग्रहालय का विस्तार हो, हमने गुरुजनों की गौरवशाली परंपरा को अपना आदर्श मानकर, इन सारे कामों को पूरी श्रद्धा से पूरा करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कैसे मुगलों ने वीर साहिबजादों के साथ भी क्रूरता की सारी सीमाएं पार कर दी थीं. वीर साहिबजादों ने दीवार में चुना जाना स्वीकार किया... लेकिन अपने कर्तव्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा. इन्हीं आदर्शों के सम्मान के लिए, अब हम हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाते हैं.

Advertisement

'गुरु तेग बहादुर: सच्चाई के लिए बलिदान सर्वोच्च’

मोदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में कहा था- 'स्वधर्मे निधनं श्रेयः', अर्थात् सत्य और कर्तव्य की रक्षा में प्राणों की आहुति देना सर्वोच्च धर्म है. गुरु तेग बहादुर जी ने इसी सिद्धांत को अपने जीवन में उतारा और अत्याचार के विरुद्ध खड़े होकर भारत की आध्यात्मिक परंपरा को अमर कर दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी की स्मृति हमें ये सिखाती है कि भारत की संस्कृति कितनी व्यापक, कितनी उदार और कितनी मानवता केंद्रीत रही है. उन्होंने 'सरबत दा भला' का मंत्र अपने जीवन से सिद्ध किया. आज का ये आयोजन सिर्फ इन स्मृतियों और सिखों के सम्मान का क्षण नहीं है. ये हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा भी है. गुरु साहब ने सिखाया है कि 'जो नर दुख में दुख नहिं माने, सो ही पूर्ण ज्ञानी' यानी जो विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रहता है, वही सच्चा ज्ञानी है, वही सच्चा साधक है.

महाभारत अनुभव केंद्र का दौरा

कार्यक्रम के दौरान मोदी ने महाभारत अनुभव केंद्र का भी अवलोकन किया, जहां आधुनिक तकनीक के जरिए महाभारत के प्रमुख प्रसंगों को जीवंत रूप में दर्शाया गया है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र भारत की आध्यात्मिक विरासत को नई पीढ़ी के सामने अनूठे रूप में प्रस्तुत करेगा.

Advertisement

शबद कीर्तन, बच्चों का प्रदर्शन और ब्रह्मसरोवर में महाआरती

कार्यक्रम में 350 बच्चों ने गुरु-बानी का सामूहिक शबद कीर्तन प्रस्तुत किया. विशेष सैंड आर्ट शो भी आयोजित किया गया, जिसमें गुरु तेग बहादुर के जीवन और बलिदान के दृश्य दर्शाए गए. दिवस के अंत में प्रधानमंत्री ने पवित्र ब्रह्मसरोवर में महाआरती में भी भाग लिया, जो अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement