हरियाणा के गुरुग्राम में मंगलवार को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी लेने को लेकर दो पक्षों में हुआ विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया. शव पड़ा रहा और लोग लकड़ी के लिए लड़ते रहे. इस झगड़े में एक ही परिवार के आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है और पुलिस ने दस नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है.
अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी को लेकर लड़ाई
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक घायल पक्ष के सदस्य राजा द्वारा दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक उनके चचेरे भाई धर्मबीर का निधन मंगलवार सुबह हुआ था. परंपरा के अनुसार राजा, उनका भाई उदल और बेटा दीपांशु चिता की लकड़ी लेने के लिए पंचायत की जमीन पर ट्रैक्टर लेकर गए थे. तभी गांव के ही दूसरे गुट के सदस्य—सुखबीर, रामदेव, रामकिशन, सतबीर, नवीन, प्रशांत, प्रियंशु, पवन और अन्य वहां पहुंच गए.
शिकायत के अनुसार, ये लोग मोटरसाइकिल, स्कूटर और कार से पहुंचे और सभी हथियारों से लैस थे, जिनमें बंदूकें, चाकू, लाठी और लोहे की रॉड शामिल थीं. आरोप है कि रामदेव ने गाली देते हुए कहा कि 'यह जमीन हमारी है, यहां से लकड़ी नहीं ले जाने देंगे, ट्रैक्टर हटाओ वरना गोली मार देंगे.'
विवाद के बाद चली गोलियां
पीड़ित पक्ष ने बताया कि उन्होंने विरोध किया और कहा कि वो सालों से इस भूमि का उपयोग करते आए हैं. इतने पर दूसरा गुट उग्र हो गया और हमला शुरू कर दिया. सतबीर ने उदल के सिर पर लाठी से वार किया, जिससे वह मौके पर गिर पड़ा. इसके बाद कई लोगों ने मिलकर उसे लाठियों से बेरहमी से पीटा.
इसी बीच रोहित और सोनू नाम के रिश्तेदार उदल को बचाने पहुंचे, तो रामदेव ने कथित रूप से गोली चलाई, जिससे रोहित के हाथ में गोली लगी और सोनू भी घायल हो गया. वहीं, नवीन ने अभिषेक पर चाकू से वार किया, जिससे उसके सिर और कान पर गहरी चोट आई.
शोर सुनकर गांव के लोग घटनास्थल पर जमा होने लगे, जिसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए. घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है. मोहम्मदपुर अहिर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, पुलिस ने आरोपी दस लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट, आपराधिक धमकी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है.
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