वाई पूरन केस: IPS ने एक नहीं तीन सुसाइड नोट रखे, घर पहुंची IAS पत्नी को मिले सभी  

हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्या केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. उन्होंने सुसाइड नोट की तीन कॉपियां छोड़ी थीं. पहली तो उसी दिन मिल गई थी. बाकी दो जब उनकी IAS पत्नी विदेश से लौटीं तो उन्हें मिला. यह लैपटॉप बैग में रखा हुआ था. एक अन्य कॉपी लैपटॉप में टाइप की हुई मिली. नोट में वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के आरोप हैं.

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आईपीएस पूरन की पत्नी को घर में दो अन्य सुसाइड नोट मिले (Photo:ITG) आईपीएस पूरन की पत्नी को घर में दो अन्य सुसाइड नोट मिले (Photo:ITG)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़ ,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

हरियाणा के सीनियर आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला लगातार गहराता जा रहा है. अब सामने आया है कि उन्होंने मरने से पहले सुसाइड नोट की तीन कॉपियां छोड़ी थीं. एक हाथ से लिखी नोट उनकी जेब में, दूसरी लैपटॉप बैग में रखी और तीसरी उसी नोट की टाइप की हुई कॉपी उनके लैपटॉप में सेव थी. बाताया जा रहा है कि तीनों नोट में एक जैसी बातें लिखी थीं. 

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जब IAS पत्नी घर लौटीं तो खुला राज

पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार उस वक्त मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान में सरकारी दौरे पर थीं. घटना के तुरंत बाद वे घर लौटीं, बाद में जब उन्होंने आलमारी खोली  तो उन्हें वहां लैपटॉप बैग मिला. अमनीत ने पुलिस को लिखे पत्र में बताया है कि जब मैंने लैपटॉप बैग खोला, तो उसमें सुसाइड नोट की एक और प्रति थी. लैपटॉप ऑन किया, तो वही नोट टाइप किया हुआ मिला.

डीजीपी और एसपी पर साजिश का आरोप

आईएएस अमनीत कुमार ने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया पर सीधे आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि मेरे पति को फर्जी साक्ष्यों के आधार पर फंसाया जा रहा था. उन्होंने डीजीपी से बात की, लेकिन उन्होंने सब दबा दिया. फिर एसपी बिजरनिया को कॉल किया, मगर उन्होंने जानबूझकर फोन नहीं उठाया. दोनों के बीच साजिश थी. अमनीत ने मांग की है कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और धारा 108 (abetment to suicide) के तहत केस दर्ज हो.

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15 कॉल किए, मगर नहीं मिला जवाब

सुसाइड से कुछ घंटे पहले पूरन कुमार ने पत्नी को नौ पन्नों का सुसाइड नोट और वसीयत भेजा था.जिसे देखकर घबराईं अमनीत ने उन्हें लगातार 15 बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद अमनीत ने अपनी बेटी अमूल्या को फोन किया कि पापा से तुरंत बात करो, घर जाकर देखो. जब बेटी अमूल्या घर पहुंचीं, तो बेसमेंट अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़ने पर पूरन कुमार सोफे पर पड़े मिले, सिर से खून बह रहा था.

आज डिस्टर्ब मत करना

घर पर मौजूद कुक प्रेम सिंह ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब 10 बजे साहब ने कहा था कि वो बेसमेंट जा रहे हैं, आज उन्हें डिस्टर्ब न किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि वो अपने कुत्ते को भी टहलाने नहीं जाएंगे.”
करीब 11 बजे वो थोड़ी देर के लिए ऊपर आए, खाना मंगाया और फिर नीचे चले गए. इसके बाद उनकी कोई आवाज नहीं सुनी गई.

6 अक्टूबर को लिखी थी वसीयत

पूरन कुमार ने 6 अक्टूबर को एक वसीयत तैयार की थी. उसमें उन्होंने अपनी सभी चल-अचल संपत्तियां, बैंक खाते, शेयर, चंडीगढ़ का घर, मोहाली का प्लॉट और गुड़गांव की ऑफिस प्रॉपर्टी अपनी पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम कीं. वसीयत में उन्होंने लिखा कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी पत्नी ही मेरी सभी संपत्तियों की एकमात्र उत्तराधिकारी होंगी. वसीयत और सुसाइड नोट दोनों उन्होंने उसी दिन भेजे थे.

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IAS पत्नी ने पोस्टमार्टम से किया इनकार

विदेश दौरे से लौटने के बाद अमनीत कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में शिकायत दी और कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होती, मैं पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दूंगी. फिलहाल पूरन कुमार का शव मेडिकल जांच में रखा गया है. परिवार न्याय की मांग पर अडिग है.

सुसाइड नोट में बड़े नाम

पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिखे हैं कि जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल, राजीव अरोड़ा और कई अन्य शामिल हैं. उन्होंने लिखा कि मेरे बैचमेट्स मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मिलकर जातिगत उत्पीड़न किया. मैंने गृह मंत्री और मुख्य सचिव को लिखित शिकायत दी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पूरन कुमार ने लिखा कि आईपीएस कुलविंदर सिंह ने उन्हें फोन पर चेतावनी दी कि डीजीपी ने आदेश दिया है कि तुम्हें स्थायी रूप से हटाया जाएगा, संभल जाओ. वहीं आईपीएस माटा रवि किरण ने उनके प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे उन्होंने आत्महत्या का मुख्य कारण बताया. उन्होंने अंतिम पन्ने में लिखा मैं अब और नहीं सह सकता. जो लोग मुझे इस स्थिति तक लाए, वही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं. 

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अब जांच के घेरे में आला अफसर

पूरन कुमार केस अब हरियाणा पुलिस, गृह मंत्रालय और एससी/एसटी आयोग की निगरानी में है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने एसआईटी गठन पर भी विचार शुरू कर दिया है. वहीं, अमनीत कुमार ने साफ कहा कि ये सिर्फ मेरे पति की मौत नहीं, सिस्टम की परीक्षा है. जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, मैं पीछे नहीं हटूंगी.

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