हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली. अब इसकी जांच के दौरान कई खुलासे हो रहे हैं. अब सामने आया है कि जिस पिस्टल से उन्होंने खुद को गोली मारी थी वो उन्होंने अपने गनमैन से ली थी जिसके बाद वो बेसमेंट में चले गए और गार्ड्स को वहां आने से रोक दिया था. जिस बेसमेंट में उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी की वो पहले से साउंडप्रूफ था.
FIR में कई अहम खुलासे, बड़े अधिकारियों के नाम
जिस समय यह घटना हुई उस वक्त आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार घर पर मौजूद नहीं थीं. वो हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान दौरे पर आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ थीं.
पूरन कुमार हरियाणा कैडर के एक सम्मानित अधिकारी माने जाते थे और उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था. खुदकुशी से पहले उन्होंने अपनी आईएस पत्नी अमनीत कुमार को वसीयत और सुसाइड नोट भी भेजा था जिसके बाद उन्होंने पत्नी को 15 कॉल किया था लेकिन पूरन कुमार ने फोन नहीं उठाया और जब बेटी ने बेसमेंट में जाकर देखा तो वो मृत पाए गए थे. उनके सिर से खून बह रहा था.
एसएसपी ने कहा, नहीं मिला सुसाइड नोट
वहीं इसको लेकर मामले की जांच कर रहे एसएसपी ने बताया कि 1:30 बजे कॉल मिली थी और उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. इस बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वाई पूरन कुमार के घर पहुंचकर उनके निधन पर जताया शोक और परिजनों से मिलकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
सीएम के साथ सरकारी दौरे पर जापान से वापस लौंटी उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम रुकवा दिया था और मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी से फोन पर बात कर पहले आरोपी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की थी.
इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है उससे कई खुलासे हुए हैं. पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में 10 सीनियर अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनके सुसाइड नोट में हरियाणा कैडर के कई वरिष्ठ IPS और IAS अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक प्रताड़ना के आरोप हैं.
मौत से पहले सुसाइड नोट में डीजीपी को भी बनाया आरोपी
पूरन कुमार ने मरने से पहले लिखा था कि 'वो लगातार मानसिक और जातिगत उत्पीड़न का शिकार रहे हैं, उनके अधिकार छीने गए, प्रमोशन और वेतन लाभों से वंचित रखा गया और झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रची गई.'
उन्होंने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप लगाया कि कपूर ने अपने वेतन एरियर 1 जनवरी 2015 से प्राप्त कर लिए, लेकिन जब उन्होंने समान लाभ मांगा तो तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और ACS (होम) के सामने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया. इसके बाद उनके एरियर रोक दिए गए. साथ ही उन्होने शत्रुजीत कपूर पर झूठी शिकायतें करने और सरकारी आवास-वाहन की सुविधा में बाधा डालने के आरोप हैं.
अपमानित और झूठी शिकायत दर्ज कराने का आरोप
वहीं ADGP संजय कुमार पर सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और फंसाने का आरोप लगाया. वहीं 2007 बैच के आईजीपी पंकज नैन पर पूरन कुमार ने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और APR रिपोर्ट खराब करने की साजिश रचने और उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराने का आरोप लगाया था. पूरन कुमार की मौत के बाद उनके सुसाइड नोट और FIR में दर्ज बड़े अधिकारियों के नाम ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है. हरियाणा सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
अमन भारद्वाज