हरियाणा के पानीपत के भावड़ गांव में इन दिनों लोग की जुबान पर पूनम का ही नाम है. वही पूनम, जो कभी घर की साधारण बहू मानी जाती थी, जिस पर किसी ने आवाज तक ऊंची होते नहीं देखी थी, आज चार मासूमों की हत्या के आरोप में पुलिस हिरासत में है. पर हैरान करने वाली बात सिर्फ हत्याएं नहीं हैं, बल्कि वह अजीब-सी हरकतें, जिनके बारे में उसके अपने परिवार वाले अब खुलकर बता रहे हैं. क्या सच में उसमें 'कोई और' बोलता था?
पूनम के जेठ बताते हैं कि 2023 से पहले तक वह उनकी नजर में बेहद शांत, थोड़ी कम बोलने वाली लेकिन सामान्य महिला थी. लेकिन धीरे-धीरे वह बदलने लगी. घर में कई बार ऐसा होता कि वह अचानक चुप हो जाती, और कुछ मिनटों बाद उसका चेहरा बिल्कुल अलग सा दिखने लगता. जेठ बताते हैं कि कई बार लगता था जैसे उसकी आंखों में किसी और का भाव उतर आया हो. पूछो तो कहती-सबका नाश कर दूंगी… लेकिन आवाज उसकी नहीं लगती थी. हम डर भी जाते, पर फिर वह कुछ मिनट बाद वापस सामान्य दिखती. पर तब किसी ने नहीं सोचा था कि ये बदलाव किसी खतरनाक मानसिक बीमारी या हिंसक प्रवृत्ति का संकेत हो सकता है.
पढ़ी-लिखी, शांत स्वभाव… पर अंदर कुछ और चल रहा था
पूनम एमए (पॉलिटिकल साइंस) तक पढ़ी है, B.Ed भी किया. 2019 में उसकी शादी नवीन से हुई थी. दो साल बाद 2021 में बेटे शुभम का जन्म हुआ. परिवार में सब उसे समझदार, जिम्मेदार और सीधी-सादी बहू मानते थे. लेकिन उसी “सीधी-सादी” छवि के पीछे एक दूसरी पूनम पल रही थी. एक ऐसी पूनम, जो परिवार में सुंदर या मनमोहक बच्चों को देखते ही विचलित हो जाती थी.
चाय जानबूझकर गिराना
जेठानी की 6 साल की बेटी विधि से पूनम अक्सर खीझती थी. एक बार उसने विधि के चेहरे पर गर्म चाय गिरा दी. परिवार ने इसे दुर्घटना मान लिया. लेकिन जब पुलिस पूछताछ में पूछा गया कि चाय क्यों फेंकी तो उसका जवाब सिहरा देने वाला था 'ये बड़ी होकर बहुत खूबसूरत हो जाती… इसलिए इसका चेहरा जला दिया.' उस वक्त घरवालों को अंदाज़ा नहीं था कि चाय का गिरना भी उसकी हिंसक सोच का हिस्सा था.
आत्मा-आ जाने जैसा व्यवहार या मानसिक बीमारी?
परिवार के कई सदस्यों का कहना है कि पूनम कभी-कभी रात को चुपचाप उठकर बरामदे में बैठ जाती थी. कभी खुद-से बड़बड़ाती, कभी जोर से दरवाज़ा बंद कर लेती. उसके पति कहते हैं कि कई बार उसे लगता था कि कोई उसे कुछ करा रहा है. बोलती - मुझे ही करना पड़ेगा, ये सब मेरे सामने क्यों आ जाते हैं… गांव के बुज़ुर्ग इसे ‘आत्मा-आ जाने’ का मामला बताने लगे, जबकि पुलिस और विशेषज्ञ इसे गंभीर मानसिक असंतुलन या सायकोसिस जैसी स्थिति मान रहे हैं.
2023: पहला क्रूर मोड़, जब किसी ने शक नहीं किया
सोनीपत के बोहड़ गांव में पूनम ने अपनी ननद की 11 साल की बेटी इशिका को हौद में डुबोकर मार डाला. और संदेह से बचने के लिए अपने ही 3 साल के बेटे शुभम को भी उसी तरह मार दिया. उसने परिवार को कहानी सुनाई- शुभम गिर गया था, इशिका उसे बचाने गई और दोनों डूब गए. परिवार ने इसे हादसा मानकर रोते-रोते स्वीकार कर लिया. किसी ने सोचा भी नहीं कि कोई मां अपने ही बच्चे को मार सकती है.
2025: मायके में 10 साल की भतीजी की हत्या
अगले दो साल बाद, ऊपरी तौर पर सब सामान्य दिख रहा था. लेकिन अगस्त 2025 में पूनम मायके गई, जहाँ उसकी भतीजी जिया रहती थी. जिया को वह सबके सामने “बहुत प्यारी” कहती थी. सोने से पहले उसने जिया से कहा - आज मेरी बगल में सोना है, मम्मी-पापा से बोल देना. परिवार को लगा कि वह प्यार दिखा रही है. लेकिन उसी रात उसने जिया को उठाया और पानी से भरे टब में दबाकर मार दिया. फिर नीचे आकर बिल्कुल सामान्य बैठ गई, जैसे कुछ हुआ ही न हो.
1 दिसंबर 2025: नौलठा की शादी और खुलने लगा राज
गांव नौलठा में एक शादी थी. सब नाच-गा रहे थे, पर पूनम कोने में चुप बैठी थी.जेठानी की बेटी विधि खूब सरस, चंचल, और बहुत खूबसूरत बच्ची थी. शायद यही बात पूनम को अंदर से बेचैन करती थी. रात को जब घर में महिलाएँ बारी-बारी तैयार हो रही थीं, तब पूनम चुपचाप ऊपर गई और विधि को धोखे से साथ ले गई. वहां एक टब रखा था एक फीट गहरा. पूनम ने बच्ची को उसमें झुका दिया और गर्दन दबा दी. विधि छटपटाती रही, पर पूनम नहीं रुकी. कुछ मिनटों में बच्ची की सांसें थम गईं. वह नीचे आई, कपड़े भीग चुके थे, पर बोली- बस हाथ धोने गई थी.
पुलिस को क्यों हुआ शक?
जब पुलिस पहुंची तो उन्हें कई बातें अजीब लगीं:
-टब बहुत छोटा था, उसमें कोई बच्ची खुद नहीं डूब सकती थी.
- बाथरूम का दरवाजा बाहर से बंद था.
- पास लगे सीसीटीवी में सिर्फ पूनम ही ऊपर जाते दिखी.
- परिवार ने बताया कि पिछले तीन बच्चों की मौत भी पानी में डूबने से हुई थी, और हर बार पूनम वहीं मौजूद थी.
पूछताछ: 36 घंटे में चार हत्याओं का खुलासा
पुलिस टीम ने जब पूनम से अलग से पूछताछ की, तो वह टूट गई. और बोली सुंदर बच्चे मुझे पसंद नहीं… मैं गुस्से में भर जाती हूं. कोई और मुझे करा देता है… जिससे मेरा दिल शांत हो जाता है. उसने चार हत्याओं की बात स्वीकार की:
इशिका (ननद की बेटी) – बोहड़ गांव, 2023
शुभम (अपना बेटा) – 2023
जिया (मायके की भतीजी) – 2025
विधि (जेठानी की बेटी) – 1 दिसंबर 2025
सबको उसने पानी में डुबोकर ही मारा.
हमने इसे हादसा माना, आज सच सुनकर खुद को दोषी समझ रहे हैं
भावड़ गांव में लोग आज भी यकीन नहीं कर पा रहे कि शांत दिखने वाली पूनम इतनी निर्दयी हो सकती है. उसकी सास का कहना है कि हमें आज भी समझ नहीं आता कि यह वही बहू है जिसे हमने बेटियों जैसा रखा. पड़ोसियों का कहना है कि कई बार पूनम ऐसे व्यवहार करती थी जैसे उसे कुछ सुनाई दे रहा हो. एक महिला बोली कभी-कभी उसका चेहरा इतना बदल जाता था कि लगता था जैसे किसी और की आत्मा उतर आई हो.
मानसिक बीमारी या साइको किलर: जांच जारी
एसपी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि पूनम की मानसिक स्थिति का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा. लेकिन हत्या करने के बाद उसका शांत होना, मुस्कुराना, या सामान्य व्यवहार करना एक क्लिनिकल पैटर्न बताता है.
प्रदीप रेढू