अभय चौटाला के जज बदलने की अर्जी पर हाइकोर्ट प्रशासन ने जताया ऐतराज

अभय सिंह चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई  किसी और कोर्ट में किए जाने की मांग पर हाईकोर्ट प्रशासन ने आपत्ति जताई है. प्रशासन ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि चौटाला मामले की सुनवाई करने वाले जज, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार नियुक्त किये गए हैं.

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अभय चौटाला अभय चौटाला

पूनम शर्मा

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  • 15 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय सिंह चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई  किसी और कोर्ट में किए जाने की मांग पर हाईकोर्ट प्रशासन ने आपत्ति जताई है. प्रशासन ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि चौटाला मामले की सुनवाई करने वाले जज, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार नियुक्त किये गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी सांसद और विधायक जैसे जनसेवकों के मामले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में करने को कहा था और उसी आदेश का पालन करते हुए अभय चौटाला से जुड़े आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले की सुनवाई वर्तमान जज को ट्रांसफर कर दी गई थी.

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अब ऐसे में अगर हाईकोर्ट उनके मामले को किसी दूसरे जज के सामने सुनवाई के लिये ट्रांसफर करती है तो उसके लिये एक और जज नियुक्त करना होगा. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 15 मार्च को दोबारा होनी है. अपने खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई न होने की बात कहकर अभय चौटाला ने अपने खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई वर्तमान सीबीआई कोर्ट से किसी और जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की थी.

चौटाला ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें आशंका है कि उन्हें इस कोर्ट से न्याय नहीं मिलेगा. अभय चौटाला ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि अभियोजन के एक गवाह को जानबूझकर हटाया गया है. जबकि निचली अदालत ने इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड पेश करने को कहा था. उन्होंने कहा है कि इस तरह से गवाह हटाये जाने से उसे शंका हो रही है कि उनके मामले की सुनवाई निष्पक्ष न हो पाएगी. इसलिए इस मामले की सुनवाई किसी दूसरी कोर्ट में की जाए.

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बता दें कि सीबीआई ने कांग्रेस नेता शमसेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर अभय सिंह चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था. हालांकि शुक्रवार 15 मार्च को होने वाली सुनवाई में पता चलेगा की अभय चौटाला की अर्जी पर हाई कोर्ट प्रशासन के आपत्ति दर्ज कराने के बाद उन्हें किसी तरह की राहत मिलती है या नहीं.

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