हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में छठे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है. परिजन लगातार डीजीपी समेत जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं. इस बीच रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस केस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
पूरन कुमार का शव अब भी पीजीआई चंडीगढ़ के एडवांस्ड ऑटोप्सी सेंटर में रखा हुआ है. शनिवार सुबह एसएसपी चंडीगढ़ कंवरदीप कौर मौके पर पहुंचीं और अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली. वहीं, सरकार की ओर से लगातार अधिकारी परिवार से संवाद कर रहे हैं और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं.
डीजीपी की गिरफ्तारी पर अड़ा पूरन कुमार का परिवार
परिजनों ने साफ कहा है कि वो बिना न्याय के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उनका कहना है कि पूरन कुमार ने जातीय भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की थी, और जब तक जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती, वो पीछे नहीं हटेंगे.
इस बीच, हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सुबह पीड़ित परिवार से मुलाकात की और कहा कि सरकार को तुरंत उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने चाहिए. दोपहर 2 बजे महापंचायत भी बुलाई गई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए और न्याय की मांग दोहराई.
कैबिनेट मीटिंग में नहीं हुआ कोई फैसला
कैबिनेट बैठक से पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार इस मामले में कोई बड़ा फैसला ले सकती है, लेकिन बैठक खत्म होने के बाद सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया. राज्यभर में इस घटना को लेकर नाराजगी बढ़ रही है और सोशल मीडिया पर लोग न्याय की मांग कर रहे हैं.
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