हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओ.पी. सिंह द्वारा महिंद्रा थार और बुलेट मोटरसाइकिल मालिकों के बारे में दिए गए बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. गुरुग्राम निवासी और पेशे से कारोबारी सर्वो मितर ने DGP को कानूनी नोटिस भेजकर बयान को 'अपमानजनक', तथ्यहीन और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला बताया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जो नोटिस उन्हें भेजा गया है वो 8 नवंबर को गुरुग्राम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP के दिए बयान को लेकर है. डीजीपी ने सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक उल्लंघनों पर बात करते हुए कहा था कि 'अधिकतर थार और बुलेट चलाने वालों का माइंडसेट क्रिमिनल होता है.' यह बयान तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.
DGP के बयान को बताया अपमानजनक
सर्वो मितर ने अपने वकील के माध्यम से भेजे गए नोटिस में दावा किया है कि उन्होंने जनवरी 2023 में 30 लाख रुपये से अधिक कीमत में महिंद्रा थार खरीदी थी. इसका कारण वाहन की सुरक्षा, मजबूत बनावट और भरोसेमंद प्रदर्शन था, न कि किसी प्रकार का दिखावा. नोटिस में कहा गया है कि DGP का बयान न केवल तथ्यविहीन है बल्कि सभी थार मालिकों का अपमान करता है.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि बयान देने के तुरंत बाद मौजूद मीडियाकर्मियों ने हंसना शुरू कर दिया, जिससे यह सिद्ध होता है कि टिप्पणी मजाक उड़ाने के अंदाज में की गई थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस बयान के बाद रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों ने उनसे इस टिप्पणी के बारे में पूछा, जिससे उन्हें मानसिक तनाव, सामाजिक छवि को नुकसान और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर आघात पहुंचा.
थार मालिकों की प्रतिष्ठा पर असर: गाड़ी मालिक
नोटिस के मुताबिक, DGP पद पर रहते हुए उनके शब्दों का व्यापक प्रभाव होता है और ऐसे बयान से थार मालिकों की जन-प्रतिष्ठा पर गहरा असर पड़ा है. शिकायतकर्ता ने इसे मानहानि का मामला बताते हुए DGP से 15 दिनों के भीतर बिना शर्त लिखित माफी और बयान वापस लेने की मांग की है. पुलिस विभाग की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. अब यह मामला सोशल मीडिया और थार गाड़ी चलाने वाले लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
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