हरियाणा ने देर से लिया फैसला, अब 12 घंटे के लिए खुलेंगी शराब की दुकानें

देश के लगभग हर राज्य में सोमवार को शराब की दुकानें खुल गईं जबकि हरियाणा ने यह फैसला एक दिन बाद लिया. इसका कारण यह है कि शराब के कारोबारियों ने सरकार के सामने हर साल वसूली जाने वाली लाइसेंस फीस और एक्साइज कर में छूट देने की मांग की थी

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दिल्ली में शराब लेने के लिए लगी होड़ (PTI) दिल्ली में शराब लेने के लिए लगी होड़ (PTI)

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 05 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

  • कंटेनमेंट जोन में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी
  • लाइसेंस, एक्साइज कर में छूट पर फंसी थी बात

हरियाणा सरकार ने 12 घंटे के लिए शराब की दुकानें खोलने का फैसला किया है. दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलेंगी. हालांकि सरकार ने साफ किया है कि कोरोना के कंटेनमेंट जोन में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी. सरकार ने आबकारी वर्ष को डेढ़ महीने और बढ़ाने के लिए एक कमेटी भी बनाई है.

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देश की राजधानी दिल्ली से सटा हरियाणा ऐसा प्रदेश है, जहां शराब अधिक मात्रा में बनाई जाती है और बिक्री भी बहुत होती है. दिल्ली में सोमवार से ही शराब की बिक्री की इजाजत दी गई. लेकिन हरियाणा में इस पर फैसला नहीं हुआ था. मंगलवार को 12 घंटे बिक्री का ऐलान किया गया.

आपको बता दें, पिछले महीने इस बात पर राजनीति काफी गरम हुई थी, जब हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया था कि लॉकडाउन टूटते ही शराब की फैक्ट्रियों को शराब बनाने की इजाजत दी जाएगी. इस पर विपक्षी दलों ने हरियाणा सरकार को घेरा था. अभी हालांकि लॉकडाउन तो नहीं टूटा लेकिन केंद्र की ओर से इसमें ढील मिलने के बाद शराब की बिक्री की इजाजत दे गई है.

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देश के लगभग हर राज्य में सोमवार को शराब की दुकानें खुल गईं जबकि हरियाणा ने यह फैसला एक दिन बाद लिया. इसका कारण यह है कि शराब के कारोबारियों ने सरकार के सामने हर साल वसूली जाने वाली लाइसेंस फीस और एक्साइज कर में छूट देने की मांग की थी. कारोबारियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते पूरे मार्च और अप्रैल माह के दौरान शराब की बिक्री बंद रही, जिससे उनको काफी घाटा हुआ है.

गौरतलब है कि हरियाणा सहित दूसरे राज्यों में मार्च और अप्रैल के महीनों में शराब की ज्यादा बिक्री होती है. एक तरफ जहां मार्च में साल के अंत में पुराना स्टॉक खत्म करने के लिहाज से शराब की बिक्री बढ़ाई जाती है, तो वहीं अप्रैल माह में फसल कटने के दौरान अचानक शराब की बिक्री में वृद्धि होती है. लेकिन इस वित्तीय साल में हुए लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री बंद रही.

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हालांकि, ऐसा नहीं है कि राज्य में शराब उपलब्ध नहीं है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब के गोदाम और दुकानें सील किए जाने के बावजूद भी सैकड़ों करोड़ रुपये की शराब बेची गई. इससे राज्य सरकार को राजस्व घाटा हुआ, लेकिन सरकार ने अब इस घाटे को पाटने का फैसला कर लिया है.

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दूसरी ओर, हरियाणा से सटे दिल्ली में मंगलवार को दूसरे दिन शराब की बंपर बिक्री हुई. लोग सुबह से दुकानों के बाहर कतार में खड़े दिखे. उन्हें अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार करते देखा गया. सोमवार को भीड़ इतनी हो गई थी कि पुलिस को कहीं-कहीं लाठी चलानी पड़ी थी. कहीं बेकाबू भीड़ को देखते हुए दुकानें तक बंद करनी पड़ीं. इसी के साथ दिल्ली सरकार ने एक बड़े ऐलान के तहत शराब पर 70 फीसदी तक कोविड सेस वसूलने का फैसला किया. हालांकि मंगलवार को इस महंगाई का कोई असर नहीं दिखा और लोग यूं ही लंबी कतारों में शराब की दुकानों के बाहर खड़े दिखाई दिए.

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