गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम में शामिल एक 22 साल के युवक को लुधियाना से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान शिवा के रूप में हुई है, जो हाल ही में लाओस से भारत लौटा था. पुलिस ने आरोपी को उसके विजय नगर स्थित घर से 27 अगस्त को गिरफ्तार किया है.
लाओस में रहकर की ठगी
एसीपी (साइबर क्राइम) प्रियांशु देवान ने बताया कि आरोपी मार्च में लाओस गया था और वहीं से उसने एक गुरुग्राम निवासी को ठगने की साजिश रची. आरोपी ने खुद को टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का कर्मचारी बताकर पीड़ित से संपर्क किया और आरोप लगाया कि उसके फोन नंबर का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो रहा है. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को एक फर्जी पुलिस अधिकारी से बात कराई.
फर्जी पुलिस अधिकारी ने पीड़ित को बताया कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है और उसके खिलाफ वारंट जारी हो चुका है. आरोपी ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट में रखने का दावा किया और उसे डराकर पैसे ट्रांसफर करवाए.
डिजिटल अरेस्ट कर वसूलता था पैसे
जांच में खुलासा हुआ कि ठगी की रकम में से 50,000 रुपये आरोपी ने अपने भाई मानव के खाते में डलवाए, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पूछताछ में शिवा ने बताया कि उसने मानव का बैंक खाता 10,000 रुपये में किसी और को बेच दिया था.
पुलिस के अनुसार, शिवा पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. इसी वजह से वह पहले कंबोडिया गया, जहां से उसने लोगों को डिजिटल अरेस्ट में रखकर ठगा. पुलिस ने जब कंबोडिया में छापेमारी की, तो शिवा लाओस चला गया और वहां चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे कॉल सेंटर में काम करने लगा. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और उसके नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है. आरोपी को अदालत ने आठ दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.
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