हरियाणा के गुरुग्राम में एक रोचक मामला सामने आया है, जिसमें एक पूर्व पुलिस कमिश्नर ने जज के खिलाफ ही मानहानि का केस ठोक दिया है. पूर्व कमिश्नर ने जज से हर्जाने के तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग की है. इस मामले में 21 नवंबर को अगली सुनवाई होनी है.
दरअसल, यह मामला करोड़ों रुपए की डकैती से जुड़ा हुआ है. सीनियर आईपीएस अधिकारी के मुताबिक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने फरवरी 2022 में करोड़ों रुपये की डकैती के सिलसिले में गुरुग्राम पुलिस के पूर्व उपायुक्त धीरज सेतिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. तब उन्होंने कहा था कि कहानी में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है.
कमिश्नरेट में मिलने आते थे गैंगस्टर
जज ने कहा था कि केस के मुख्य संदिग्ध डॉक्टर सचिंदर जैन नवल की गई स्वीकारोक्ति के आधार पर मामला संदिग्ध लगता है. सेतिया पर मामले में जांच को पटरी से उतारने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. विशेषकर यह देखते हुए कि गैंगस्टर गुरुग्राम कमिश्नरेट में उससे मिलने आते थे.
अनुमान पर आधारित थी टिप्पणियां!
अदालत ने यह भी कहा था कि जांचकर्ता यह निर्धारित नहीं कर सकते कि क्या यह पूरी प्रक्रिया पूर्व पुलिस आयुक्त की सहमति से संदिग्ध की हिरासत के बिना की गई थी. मानहानि के मुकदमे में सीनियर अधिकारी ने तर्क दिया कि जज की टिप्पणी अनुमान पर आधारित थी. इसका कोई न्यायिक आधार नहीं था. उन्होंने कहा कि घटनाओं के बारे में उनकी कथित जानकारी की कमी के बारे में टिप्पणियां व्यक्तिगत प्रकृति की थीं. जमानत आवेदन के निर्णय से इसका कोई संबंध नहीं था.
फ्लैट से हुई थी करोड़ों की लूट
याचिका में यह भी दावा किया गया कि ये टिप्पणियां न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित नहीं हैं. क्योंकि वे न्यायाधीश के आधिकारिक कर्तव्यों से संबंधित नहीं थीं. घटना 4 अगस्त, 2021 की है, जब गैंगस्टर लगरपुरिया के गुर्गों ने एक निजी कंपनी के फ्लैट में घुसकर करोड़ों रुपये की नकदी लूट ली थी. मामले की जांच कर रहे एक विशेष कार्य बल ने इस पैसे को 30-40 करोड़ रुपये बताया है.
ऑफर किए थे 2.5 करोड़ और सोना
नवल ने दावा किया था कि उसने मामले को दबाने के लिए सेतिया को 2.5 करोड़ रुपये का सोना, नकदी और अमेरिकी डॉलर की मुद्रा दी थी. हालांकि, उसने कहा कि सेतिया ने पैसे और सोने का बड़ा हिस्सा लौटा दिया, लेकिन कुछ डॉलर अपने पास रख लिए, यह कहते हुए कि मामला उसके हाथ में नहीं है.
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