हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पुरन कुमार की आत्महत्या को एक महीना पूरा हो गया है. 7 अक्टूबर को उन्होंने अपने सेक्टर-11 स्थित आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. उनकी आठ पन्नों की सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों के नाम शामिल थे, जिन पर उन्होंने अपमान, भेदभाव और आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोप लगाए थे.
घटना के बाद हरियाणा सरकार ने आईजी रैंक अधिकारी की निगरानी में SIT गठित की थी, जिसने परिवार और संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज किए, लैपटॉप व अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए और जांच को आगे बढ़ाया.
घटना के कुछ दिन बाद, वाई. पुरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत कौर, जो उस वक्त जापान में थीं, भारत लौटीं और तत्कालीन DGP शत्रुजीत कपूर व एसपी रोहतक समेत कई अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज कराई.
इस मामले में जातिगत भेदभाव के आरोपों ने राजनीतिक रूप से भी बड़ा रूप ले लिया. राहुल गांधी सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने अमनीत कौर से मुलाकात कर एकजुटता दिखाई. वहीं कुछ दिनों बाद हरियाणा पुलिसकर्मी संदीप लाठर की आत्महत्या ने मामले का रुख दोबारा रोहतक की ओर मोड़ दिया, जिससे जांच और जटिल हो गई.
अब इम मामले को लेकर अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले नए DGP ओ.पी. सिंह ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि विभाग इस घटना से “सीख लेकर आगे बढ़ेगा.”
उन्होंने कहा,“हमें इस घटना पर गहरा अफसोस है, लेकिन हमारा काम अपराध से लड़ना है. अपराधियों ने युद्धविराम नहीं किया, इसलिए हमें भी रुकने का अधिकार नहीं है. हमें आगे बढ़ना ही होगा.”
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वाई. पुरन कुमार की सुसाइड नोट में लिखे भेदभाव और अपमान के मुद्दे पर DGP ने कहा, “पुलिस सेवा 9 से 5 की नौकरी नहीं है. जो इस बल में आते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वे दूसरों की लड़ाई लड़ रहे हैं. जो इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकते, वे 15 मिनट में वापस जा सकते हैं.”
जातिगत भेदभाव पर उन्होंने कहा, “इस फोर्स की सिर्फ एक जात है - ‘खाकी’. हम सब एक साथ काम करते हैं. हमें यह तक नहीं पता होता कि हमारे साथ काम करने वाले का धर्म या जाति क्या है.”
संदीप लाठर मामले पर DGP का बयान
संदीप लाठर आत्महत्या मामले पर DGP ओ.पी. सिंह ने कहा कि विभाग ने उनके परिवार को मानवीय आधार पर मदद दी है.
उन्होंने स्पष्ट किया, “आत्महत्या के मामलों में बीमा का प्रावधान नहीं होता, इसलिए विभाग ने मानवीय दृष्टिकोण से सहायता दी. यह सभी मामलों पर समान रूप से लागू होता है.”
उन्होंने कहा कि एक नई SIT का गठन किया गया है, जो सीधे अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी.
अमन भारद्वाज