हाउस अरेस्ट, नामांकन वापसी... हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच चंडीगढ़ मेयर चुनाव आज, मिलकर लड़ रही AAP-कांग्रेस

35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. इसमें एक सांसद (किरण खेर) भी शामिल हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार है. वहीं आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं. सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. आप-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी, दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

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चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव इस बार दिलचस्प होने जा रहा है चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव इस बार दिलचस्प होने जा रहा है

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

चंडीगढ़ मेयर के चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गुरुवार 18 जनवरी को होने वाले इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस-आप गठबंधन, दोनों जीत का दावा कर रहे हैं. इस बार के मेयर चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, इंडिया गठबंधन के सदस्य हैं और मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. आठ साल से इस चुनाव को जीतती जा रही बीजेपी को मेयर की कुर्सी से हटाने के लिए आप और कांग्रेस ने गठबंधन किया है.

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गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (आप) मेयर की सीट के लिए लड़ेगी, जबकि कांग्रेस वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर चुनाव लड़ेगी. इन पदों को लिए गुरुवार को चुनाव होगा. उधर, गठबंधन के बाद हाउस अरेस्ट समेत तमाम हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद कांग्रेस मेयर प्रत्याशी जसबीर सिंह बंटी ने अपना नामांकन वापस ले लिया.

जसबीर सिंह बंटी की प्रत्यक्षीकरण याचिका डिस्पोज ऑफ

वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कांग्रेस उम्मीदवार और पार्षद जसबीर सिंह बंटी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को डिस्पोज ऑफ किया. कांग्रेस द्वारा याचिका पर चंडीगढ़ पुलिस ने कोर्ट में जानकारी दी कि उन्होंने सिर्फ बंटी को सुरक्षा दे रखी है और उनकी मूवमेंट या किसी से मिलने-जुलने को नहीं रोका गया है.

स्टेटस रिपोर्ट में चंडीगढ़ पुलिस की ओर से जसबीर सिंह बंटी का एक बयान भी लगाया गया कि उनकी तरफ से ही चंडीगढ़ पुलिस से सुरक्षा की मांग की गई है और उन्हें गैरकानूनी तौर पर चंडीगढ़ पुलिस ने हाउस अरेस्ट करके नहीं रखा है. दरअसल, कांग्रेस ने चंडीगढ़ पुलिस पर बंटी को हाउस अरेस्ट करने और उन्हें मिलने नहीं देने का आरोप लगाया था.

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किस पार्टी के पास हैं कितने मेयर

बता दें कि 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. इसमें एक सांसद (किरण खेर) भी शामिल हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार है. वहीं आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं. सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है.

चुनाव के दौरान रहेगी ये व्यवस्था

पीटीआई के मुताबिक नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के सभा कक्ष में मतदान के दौरान किसी भी मोबाइल फोन, कैमरा और किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की अनुमति नहीं दी जाएगी. महापौर का चुनाव पार्षदों द्वारा गुप्त मतदान के माध्यम से किया जाता है. ऐसे में क्रॉस वोटिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2022 और 2023 में मतदान में भाग नहीं लिया था, जिससे मेयर चुनाव में भाजपा की जीत हुई. सदन के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हर साल तीन पदों के लिए चुनाव होते हैं. इस साल मेयर की सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित की गई है. इस बार तीसरी बार मेयर चुना जाएगा.

कांग्रेस और बीजेपी के अपने-अपने दावे

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा कि आप के साथ गठबंधन के बाद उनके पास कुल 20 पार्षद हैं, जिनके साथ वे आसानी से तीनों पद जीत लेंगे. इस बीच, भाजपा ने भी विश्वास जताया है कि उसके उम्मीदवार जीत दर्ज करेंगे.

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किस पद पर है कौन उम्मीदवार

मेयर पद के लिए बीजेपी ने मनोज सोनकर को मैदान में उतारा है, जबकि आप ने कुलदीप कुमार टीटा को उम्मीदवार बनाया है. सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए मुकाबला भाजपा के कुलजीत संधू और कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गाबी के बीच होगा. डिप्टी मेयर पद के लिए बीजेपी ने राजिंदर शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्मला देवी उम्मीदवार हैं.

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