गुजरात के वलसाड जिले में रहने वाले 60 साल के बुजुर्ग शेयर बाजार में काफी समय से निवेश कर रहे थे. पिछले साल अप्रैल में वे यूट्यूब पर शेयर बाजार से जुड़ा एक वीडियो देख रहे थे. वीडियो के नीचे दिए गए लिंक को खोलते हुए अचानक उनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्हाट्सऐप नंबर से संदेश आया कि क्या वे शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं और किस तरह के शेयर में दिलचस्पी रखते हैं.
बुजुर्ग ने जवाब दिया और उन्हें तुरंत एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया. यहीं से ठगी की शुरुआत हुई.
ठग लगातार निवेश सलाह देते रहे और बुजुर्ग को शुरुआती दिनों में छोटा मुनाफा भी दिखाया, ताकि उनका भरोसा मजबूत हो. कुछ दिनों बाद नितिन शर्मा नाम का एक शख्स फोन पर आया और बोला कि वह उनका पोर्टफोलियो तैयार कर सकता है और उन्हें और निवेश करना चाहिए. बुजुर्ग उसके झांसे में आ गए और उन्होंने ठगों द्वारा बताए गए UK-IND Fast Trading ऐप को डाउनलोड कर लिया.
ठगों ने कहा कि उनकी "यश्वी कंपनी" SEBI में पंजीकृत है. इसके बाद तेजस कुमार नाम के एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और पूछा कि वे शुरुआत में कितना निवेश करेंगे. बुजुर्ग ने पहले 5 लाख लगाए, फिर 10 लाख और उसके बाद 20 लाख. अप्रैल से मई के बीच कुल 2.52 करोड़ रुपये उनके ऐप के माध्यम से निवेश किए गए.
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ऐप पर दिखाया गया 33 करोड़ का फर्जी मुनाफा
ठगों ने ऐप पर 33 करोड़ रुपये का फर्जी मुनाफा दिखा दिया, ताकि बुजुर्ग और अधिक निवेश करें. जब उन्होंने मुनाफा निकालने की बात कही तो 66 लाख रुपये ब्रोकरेज फीस मांगी गई. बुजुर्ग ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं. इसके बाद ठग फोन नहीं उठा रहे थे और नितिन शर्मा तथा तेजस कुमार लगातार फीस का दबाव बना रहे थे.
परिवार ने खोली आंखें, साइबर सेल में शिकायत
परिवार से बात करने पर उन्हें अहसास हुआ कि यह पूरा मामला ठगी है. उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम सेल और हेल्पलाइन से संपर्क किया. इसके बाद गांधीनगर सीआईडी क्राइम साइबर पुलिस स्टेशन में नितिन शर्मा, यश्वी जैन, निकिता जायसवाल, तेजस कुमार जैन और शामिल बैंक अकाउंट होल्डरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.
ब्रिजेश दोशी