'एनकाउंटर कर दूंगा', मुंबई पुलिस का निलंबित सब इंस्पेक्टर बना लुटेरा, सूरत में महिला लोन एजेंट से 2.25 लाख की लूट, फिर...

मुंबई पुलिस का निलंबित PSI रंजीत कासले सूरत में महिला लोन एजेंट से 2.25 लाख रुपये लूटने और एनकाउंटर की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है. आरोपी पर पहले से मुंबई में 7 आपराधिक केस दर्ज हैं. सूरत पुलिस ने पांच फरार साथियों की तलाश शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान हुई है.

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पांच फरार साथियों की तलाश शुरू.(Photo: Sanjay Singh J Rathod/ITG) पांच फरार साथियों की तलाश शुरू.(Photo: Sanjay Singh J Rathod/ITG)

संजय सिंह राठौर

  • सूरत,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

सूरत में पुलिस के नाम पर आतंक फैलाने वाला एक निलंबित पुलिस अधिकारी आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंच गया. सूरत शहर की पाल थाना पुलिस ने मुंबई पुलिस के निलंबित सब इंस्पेक्टर रंजीत कासले को गिरफ्तार किया है, जो खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर एक महिला लोन एजेंट से 2.25 लाख रुपये और मोबाइल फोन लूटने का आरोपी है. हैरानी की बात यह है कि इस आरोपी के खिलाफ मुंबई के अलग-अलग थानों में पहले से 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं, फिर भी वह खुलेआम अपराध करता रहा.

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एसीपी दीप वकील ने बताया कि आरोपी रंजीत कासले को मुंबई पुलिस ने अप्रैल 2025 में निलंबित कर दिया था, लेकिन उसने अपने पुराने 'पुलिसिया रुतबे' का इस्तेमाल करते हुए सूरत में नई आपराधिक वारदात को अंजाम दिया. सूरत पुलिस अब उसके पांच फरार साथियों की तलाश में जुटी है.

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कैसे रची गई साजिश

दरअसल, सूरत के जहांगीराबाद इलाके की रहने वाली और लोन कंसल्टेंसी में एजेंट 28 वर्षीय सुजल बेन पादरिया को 14 अक्टूबर को एक अनजान नंबर से फोन आया. कॉल करने वाले ने खुद को 'मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर रंजीत' बताया और लोन से जुड़े व्यावसायिक काम के बहाने मिलने का प्रस्ताव दिया.

अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को सुजल बेन एसबीआई बैंक से 2.25 लाख रुपये निकालने के बाद इस्कॉन सर्कल पहुंचीं, जहां आरोपी ने उन्हें टी पोस्ट कैफे (अडाजण क्षेत्र) बुलाया. जैसे ही वह कैफे पहुंचीं तो रंजीत ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर अपना फर्जी पहचान पत्र दिखाया. कुछ ही मिनटों में उसके पांच साथी भी वहां पहुंच गए और सुजल पर अवैध कारोबार के आरोप लगाते हुए धमकाने लगे.

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एनकाउंटर करने दी धमकी

रंजीत ने सुजल के हैंडबैग से 2.25 लाख रुपये और 20 हजार रुपये का मोबाइल फोन लूट लिया. वहीं उनके साथी भूपेंद्रभाई मिस्त्री से 15 हजार रुपये का मोबाइल छीन लिया. बीच-बचाव करने पर भूपेंद्र को थप्पड़ भी मारा गया. इसके बाद रंजीत ने दोनों को अपनी कार में जबरन बिठाया और कहा कि वह उन्हें अडाजण पुलिस स्टेशन ले जा रहा है.

लेकिन कुछ दूरी तय करने के बाद वह उन्हें डुमस रोड के पास IBC बिल्डिंग के पास छोड़कर फरार हो गया. जब भूपेंद्र ने फोन किया तो उसने कहा, 'मैं मैगी खा रहा हूं, बाद में आता हूं'. फिर दोबारा कॉल करने पर खुली धमकी दी और कहा 'अगर किसी को बताया तो एनकाउंटर कर दूंगा'.

सीसीटीवी ने खोली पोल

इस धमकी और लूटपाट की पूरी वारदात कैफे के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. पुलिस ने फुटेज जब्त कर जांच शुरू की और तकनीकी सर्विलांस के जरिए रंजीत कासले को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया. एसीपी दीप वकील ने कहा कि आरोपी रंजीत के खिलाफ लूट, धमकी और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस उसके फरार साथियों की तलाश में छापेमारी कर रही है.

निलंबित PSI का आपराधिक इतिहास

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रंजीत कासले न केवल सूरत लूटकांड में बल्कि मुंबई में भी कई आपराधिक विवादों में लिप्त रहा है. उसके खिलाफ लूट, धोखाधड़ी, जबरन वसूली और हिंसा जैसे गंभीर अपराधों में सात केस दर्ज हैं. निलंबन के बावजूद रंजीत कासले खुद को पुलिस अधिकारी बताकर अपराध करता रहा.

सूरत पुलिस की गिरफ्त में आया निलंबित अधिकारी अब कानून के शिकंजे में है और पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी से इस फर्जी पुलिस गिरोह का बड़ा नेटवर्क भी बेनकाब होगा.

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