जामनगर के JCC हार्ट इंस्टीट्यूट में इलाज को लेकर एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. जोडिया के बालंभा गांव के रहने वाले एक 65 वर्षीय मरीज को गंभीर बीमारी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिवार का आरोप है कि एक महीने तक इलाज के नाम पर 6 लाख रुपये से ज्यादा वसूले गए, लेकिन मरीज की हालत में सुधार नहीं आया.
परिजनों ने आरोप लगाया है कि उल्टा, उसे बेहोशी की हालत में डिस्चार्ज कर दिया गया. परिजनों ने अब इस मामले की शिकायत CT A डिवीजन में दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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एक महीने इलाज का भरोसा, फिर घर ले जाने की सलाह
पीड़ित के बेटे प्रवीणभाई बेचारभाई जादव ने बताया कि उनके पिता बेचारभाई मंजीभाई जादव को 31 अगस्त 2022 को अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने शुरुआत में भरोसा दिलाया कि मरीज कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा. लेकिन चार-पांच दिन बाद उन्हें बताया गया कि इलाज लंबा चलेगा और मरीज को कम से कम एक महीने अस्पताल में रखना पड़ेगा.
परिवार पूरी उम्मीद के साथ इलाज कराता रहा, लेकिन मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती गई. हर दिन बढ़ता खर्च परिवार को परेशान कर रहा था, फिर भी उन्होंने इलाज रुकने नहीं दिया.
हालत नहीं सुधरी, गलत इलाज का आरोप
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने मरीज को गलत इलाज दिया और काफी पैसा ऐंठ लिया. एक महीने बाद भी जब हालात नहीं सुधरे, तो डॉक्टरों ने अचानक सलाह दी कि मरीज को घर ले जाएं और घर पर ही इलाज करें.
परिवार इस फैसले से हैरान था, क्योंकि मरीज की हालत इतनी खराब थी कि वह बेहोशी में था. आज तक, यानी तीन साल बाद भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. परिवार अब न्याय की मांग कर रहा है.
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