'रातों को नहीं आती नींद, किसी से नहीं कर रहे बात...', किस हाल में हैं प्लेन क्रैश में अकेले जिंदा बचने वाले विश्वास कुमार?

अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर 40 वर्षीय विश्वास, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, अकेले ऐसे यात्री थे जो जिंदा बच पाए. उनके भाई अजय समेत विमान में सवार 241 अन्य लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोग इस हादसे में मारे गए थे.

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एअर इंडिया प्लेन क्रैश में इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बची थी (फाइल फोटो) एअर इंडिया प्लेन क्रैश में इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बची थी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • अहमदाबाद,
  • 13 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

आज दुनिया में कई लोग उन्हें सबसे भाग्यशाली इंसान मानते हैं लेकिन 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे में जीवित बचने वाले इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश के लिए यह घटना एक बहुत बड़ी त्रासदी बन गई है, जिससे उबर पाना उनके लिए बेहद मुश्किल हो रहा है. उनके कजिन ने बताया कि विश्वास अब इस सदमे से उबरने के लिए एक मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं.

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अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर 40 वर्षीय विश्वास, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, अकेले ऐसे यात्री थे जो जिंदा बच पाए. उनके भाई अजय समेत विमान में सवार 241 अन्य लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोग इस हादसे में मारे गए थे. 

अभी भी सदमे में हैं विश्वास कुमार

विश्वास के चचेरे भाई सनी ने बताया, 'क्रैश साइट का नजारा, अपने बचने की यादें और भाई की मौत का सदमा आज भी विश्वास को डराता है. विदेश में रहने वाले हमारे कई रिश्तेदार भी अक्सर फोन कर विश्वास का हाल पूछते हैं. लेकिन वह किसी से बात नहीं करते. वह अभी भी मानसिक तौर पर इस दुर्घटना और अपने भाई की मौत से नहीं उबर पाए हैं.'

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उन्होंने बताया, 'वो अब भी रात के बीच में जाग जाते हैं और दोबारा सो नहीं पाते. दो दिन पहले हम उन्हें एक मनोचिकित्सक के पास लेकर गए थे. अभी उनका इलाज शुरू ही हुआ है, इसलिए उन्होंने लंदन लौटने का कोई भी फैसला नहीं लिया है.'

परिवार से मिलकर लौट रहे थे लंदन

विश्वास को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी मिली थी. उसी दिन, डीएनए मिलान के बाद उनके भाई अजय का पार्थिव शरीर परिवार को सौंपा गया था. विश्वास और अजय, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव केंद्रशासित प्रदेश के दीव स्थित अपने परिवार से मिलकर लंदन लौट रहे थे.

भाई की शव यात्रा में हुए थे शामिल

18 जून को दीव में अपने भाई के अंतिम संस्कार के दौरान, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में विश्वास को अपने भाई के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाकर श्मशान ले जाते हुए देखा गया. हादसे के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना था.

हादसे के कुछ मिनट बाद शूट किए गए एक वीडियो में विश्वास को मलबे से दूर, एक एम्बुलेंस की ओर जाते हुए देखा जा सकता है. शायद, इन डरावनी यादों से निकल पाना उनके लिए उस मलबे से निकलने से भी कहीं ज्यादा मुश्किल होगा.

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