गुजरात के वलसाड के 21 आदिवासी परिवारों ने एक बार फिर हिन्दू धर्म अपनाया है. इन 21 परिवारों में कुल 105 सदस्य हैं. जिन्होंने आज हिन्दू धर्म अपनाते हुए 'घर वापसी' की है. दरअसल वलसाड जिले के कपराडा और धर्मपुर जैसे आदिवासी इलाकों में बड़ी तादाद में आदिवासियों ने पिछले कुछ सालों में क्रिश्चन धर्म को अपनाया है. ऐसे में वीएचपी ने आरोप लगाया है कि यहां पर काम करने वाले क्रिश्चन मिशनरी, आदिवासियों को पैसे या दूसरी चीजों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाते हैं.
वीएचपी ने कहा, 'विश्व हिन्दू परिषद के जरिए हिन्दू धर्म जागृति सम्मेलन किया जाता है. जिसमें हिन्दू धर्म को लेकर जागृति लाने का प्रयास होता है. आज उसी के तहत 21 परिवार के लोगों को यज्ञ, हवन के जरिए वापस हिन्दू धर्म में स्वीकारा जा रहा है.' दक्षिण गुजरात, वीएचपी संगठन मंत्री विक्रम सिंह भाटी का कहना है कि वापी में आदिवासी लोगों को बड़े पैमाने पर लालच के जरिए क्रिश्चन बनाया गया था, जिसे वापस आज हिन्दू धर्म में शामिल किया गया हैं.
और पढ़ें- UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल हुआ गुजरात का धोलावीरा, PM मोदी ने दी बधाई
वहीं घरवापसी करने वाले आदिवासी भी अब यही कह रहे हैं कि उन्हें अब धर्म का सही ज्ञान हुआ है. साथ ही जो क्रिश्चन मिशनरी थी उन्होंने हमें लालच और पैसे देने का वादा कर हमें धर्म परिवार्तन करवाया था. अपने परिवार के साथ धर्म परिवर्तन करने वाले लक्ष्मण खाडम का कहना है कि 5 साल पहले उन्हें पैसों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया था. लेकिन अब हमने वापस हमारे हिन्दू धर्म का स्वीकार किया है.
धर्म परिवर्तन को लेकर वलसाड के आदिवासी इलाकों में क्रिश्चन मिशनरी काफी एक्टीव काम कर रही हैं, वैसे में विश्व हिन्दू परिषद के जरिए अब व्यापक प्रमाण में धर्मपरिवर्तन कर चुके लोगों के लिए घर वापसी अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें प्रमुख मुद्दों के तौर पर धर्मांतरण, गौहत्या और लव जेहाद जैसे मामलों को लेकर जनजागृति अभियान को चलाया जा रहा है.
गोपी घांघर