गुजरात पुलिस 6,400 TRB जवानों को मुक्त करेगी. सरकार ने कहा है कि एक ही व्यक्ति लंबे समय तक ट्रैफ़िक ब्रिगेड में कार्यरत रहे तो यह प्रशासनिक द्रष्टिकोण से ठीक नहीं है. ख़ाली जगह भरी जाएगी, जवानों की फिर से रिक्रूटमेंट ना हो जाए इसका भी ध्यान रखने का आदेश दिया गया है.
गुजरात पुलिस द्वारा TRB (ट्रैफ़िक ब्रिगेड) के 6,400 जवानों को एक के बाद एक नौकरी से दूर करने के फ़ैसले के बाद अलग अलग शहरों में TRB जवानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. TRB जवान गुजरात पुलिस के सर्क्यूलर को रद्द करने की माग कर रहें है. उनका कहना है कि सरकार सरकारी नौकरी देना तो दूर रहा, ये तो जो है उसे भी छिन ले रहे हैं.
9,000 में से 6,400 TRB जवानों को उनकी ज़िमेदारियों से मुक्त किया जाएगा. गुजरात में ट्रैफ़िक के संचालन के लिए पुलिस की हेल्प में 9,000 TRB जवानों की मानदसेवा ली जा रही है, जिसमें से 6,400 TRB जवानों को उनकी ज़िमेदारियों से मुक्त करने का फैसला किया गया है. TRB के तौर पर 10 साल हुए हैं, ऐसे 1100 जवानों को इसी महीने के अंत तक तमाम जिमेदारियों से मुक्त करने का आदेश हुआ है.
ट्रैफ़िक ब्रिगेड में जिनको 5 साल पूरे हुए हैं, वैसे 3,000 जवानों को इसी साल के दिसंबर तक मुक्त करने का आदेश दिया गया है. TRB के 2,300 जवान जिन्हें 3 साल पूरे हुए है उन्हें मार्च 2024 तक उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का आदेश किया गया है.
TRB जवानों ने कहा, वो कहां जाये, कौन उन्हें नौकरी देगा ?
गुजरात पुलिस द्वारा TRB जवानों को मुक्त करें जाने के फ़ैसले पर कहा गया है कि ट्रैफ़िक ब्रिगेड के जवानों को ट्रैफ़िक पुलिस की मदद में रहकर काम करना होता है. ऐसे में एक ही व्यक्ति लंबे समय तक ट्रैफ़िक ब्रिगेड में कार्यरत रहे तो यह प्रशासनिक द्रष्टिकोण से ठीक नहीं है.
गुजरात पुलिस के इस फ़ैसले के बाद से ट्रैफ़िक ब्रिगेड में काम करने वाले लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं कि पिछले कई वर्षों से जब वो पुलिस के साथ मिलकर उन्हें सहयोग कर रहे हैं, ऐसे में अब उन्हें अचानक नौकरी से मुक्त किया जाएगा तो वो कहा जाएंगे. बढ़ती उम्र में कौन उन्हें नौकरी देगा. कौन उन्हें काम देगा. नौकरी नहीं होने की स्थिति में उनके परिवार पर आनेवाली मुसीबतों का ज़िमेदार कौन होगा. सरकार किसी भी नोटिस के बग़ैर हमको निकाल रही है, ये फ़ैसला उन्हें वापस लेना पड़ेगा.
अतुल तिवारी