गुजरात सरकार ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT सिटी) में शराब सेवन से जुड़े नियमों में और ढील देते हुए बड़ा फैसला लिया है. इस कदम को राज्य में विदेशी निवेशकों और अन्य राज्यों से आने वाले कारोबारी वर्ग को आकर्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
गृह विभाग द्वारा 20 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब गिफ्ट सिटी में शराब सेवन के लिए परमिट लेने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. नए नियमों के तहत कोई भी "बाहरी व्यक्ति", जो गुजरात का निवासी नहीं है, या कोई विदेशी नागरिक, केवल वैध फोटो पहचान पत्र दिखाकर गिफ्ट सिटी में निर्धारित स्थानों पर शराब का सेवन कर सकता है तो इससे पहले ऐसे लोगों को अस्थायी परमिट लेना जरूरी था.
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गौरतलब है कि वर्ष 2023 में पहली बार गिफ्ट सिटी में परमिट सिस्टम के तहत शराब सेवन की अनुमति दी गई थी. अब सरकार ने इसमें और ढील देते हुए प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है. नए नियमों के अनुसार शराब केवल रेस्तरां तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि होटल परिसर, लॉन, पूलसाइड, छत और अन्य फूड एंड बेवरेज क्षेत्रों में भी परोसी जा सकेगी.
शराब पीने के लिए लेना होता था परमीशन
संशोधित व्यवस्था के तहत गिफ्ट सिटी में कार्यरत कर्मचारियों को भी राहत दी गई है. पहले उन्हें शराब परमिट के लिए एचआर हेड जैसे "सिफारिश अधिकारी" के माध्यम से आवेदन करना पड़ता था, लेकिन अब यह बाध्यता हटा दी गई है. कर्मचारी सीधे अधिकृत व्यक्ति के जरिए परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो सत्यापन के बाद इसे निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग को भेजेगा.
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परमीशन के साथ क्या सुविधा मिलेगी?
सरकार ने अस्थायी परमिट धारकों के अधिकार भी बढ़ाए हैं. अब वे एक समय में अधिकतम 25 विजिटर्स की मेजबानी कर सकते हैं, बशर्ते वे स्वयं उनके साथ मौजूद हों. इसके अलावा, जो लोग केवल भोजन के लिए रेस्तरां आते हैं, उन्हें भी वाइन एंड डाइन क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति दी गई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 के तहत दी गई इन छूटों से गिफ्ट सिटी का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप और मजबूत होगा. सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है कि गिफ्ट सिटी को वैश्विक वित्तीय और कारोबारी केंद्र के रूप में विकसित करना और विदेशी और बाहरी निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है.
ब्रिजेश दोशी