मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. जिसमें 19 नए चेहरों को मंत्री बनाया गया, जबकि पुराने मंत्रिमंडल से 6 मंत्री यथावत रहे. इस बड़े फ़ेरबदल में सबसे बड़ा बदलाव गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का देखने को मिला. उनका कद भी बढ़ा है. पार्टी ने अपने युवा नेता को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए डिप्टी सीएम बनाने के साथ-साथ तगड़े विभागों की जिम्मा भी सौंपा है. जिसमें गृह विभाग के अलावा उद्योग, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म, खेल और युवा संस्कृतिक, सिविल एविएशन है.
इस मंत्रिमंडल में 12 मंत्री ऐसे हैं, जो पहली बार विधायक बने हैं और उसके बाद सीधा उन्हें मंत्री पद मिला है. इन 12 मंत्रियों में दो कैबिनेट मंत्री हैं और बाकी 10 राज्यमंत्री हैं, जो साल 2022 में पहली बार चुनाव जीते और विधायक बनने के बाद साल 2025 में उन्हें मंत्री बनाया गया.
क्यों हुआ इतना बड़ा बदलाव?
साल 2022 के चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली थी, जिसमें भाजपा ने 156 सीटें जीती थीं, इसके बाद बीजेपी का अब तक का सबसे छोटा यानी मुख्यमंत्री समेत 17 सदस्यों का मंत्रिमंडल बनाया गया था. उस मंत्रिमंडल में सभी जोन, सभी वर्गों को जगह नहीं दी जा सकी थी. उस समय ये प्रयोग किया गया था कि छोटे मंत्रिमंडल से काम किया जाए और उसके बाद जरूरत पड़ने पर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा.
2027 के चुनाव की तैयारी
हालांकि लोकसभा चुनाव और संगठन पर्व की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो गई और अब मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया, क्योंकि अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा, इसके लिए सिर्फ 2 साल का वक्त बचा है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में ये ध्यान रखा गया है कि सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिले. साथ ही मूल भाजपा कार्यकर्ता को तवज्जो मिले. इसी वजह से इस मंत्रिमंडल में दो-तीन नेताओं के अलावा बाकी सभी मूल भाजपा के कार्यकर्ता हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार की एक वजह ये भी
सूत्रों की मानें तो पुराने मंत्रिमंडल में कुछ मंत्रियों के खिलाफ परफॉर्मेंस तो वज़ह थी ही. साथ में उनके काम करने के तरीकों को लेकर शिकायतें मिली थीं. इसके पीछे की एक वजह ये भी थी कि छोटा मंत्रिमंडल होने की वजह से सभी मंत्रियों के पास तीन से चार बड़े मंत्रालय थे, जिसकी वजह से वह सभी मंत्रालय के साथ न्याय नहीं कर पाए. साल 2026 की शुरुआत में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, जिसमें ओबीसी आरक्षण बढ़कर 27% हुआ है. ऐसे में भाजपा के लिए जरूरी था कि सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार हो और उन सभी बातों का इस विस्तार में ध्यान रखा गया है.
युवा चेहरों पर फोकस
डिप्टी सीएम हर्ष संघवी के अलावा मंत्रिमंडल में काफी ऐसे युवा चेहरे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने और उनको मंत्री पद मिल गया. सबसे चौंकाने वाला जो नाम था वो है क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा का. जिन्हें राज्यमंत्री बनने के साथ-साथ शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई है.
पार्टी ने जताया भरोसा
पहली बार के 2 विधायक ऐसे हैं जिनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और 10 विधायक ऐसे हैं जिनको राज्य मंत्री बनाया गया है. इन सभी के ऊपर पार्टी ने बड़ा भरोसा दिखाते हुए जिम्मेदारी दी है कि वह परफॉर्म करेंगे तो उनका भविष्य और बेहतर हो सकता है. यही समझाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गांधीनगर में थे, जहां उन्होंने नए मंत्रियों को उनकी पसंदगी और उनके सामने की चुनौतियों के बारे में आगाह भी किया.
ब्रिजेश दोशी