प्लेन क्रैश के बाद से फिल्म मेकर गायब, लास्ट लोकेशन एक्सीडेंट साइट से सिर्फ 700 मीटर दूर, परिवार ने दिए DNA सैंपल

यह हादसा गुरुवार दोपहर 1:39 बजे हुआ था, जब एयर इंडिया का विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघाणीनगर इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज कैंपस पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर मौजूद 29 लोग भी मारे गए.

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प्लेन क्रैश के बाद शवों की पहचान और उन्हें परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है प्लेन क्रैश के बाद शवों की पहचान और उन्हें परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है

aajtak.in

  • अहमदाबाद,
  • 16 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के बाद से एक फिल्म मेकर लापता हैं. उनके परिवार ने आशंका जताई है कि वे हादसे के दौरान ग्राउंड विक्टिम (जमीन पर मारे गए लोगों) में शामिल हो सकते हैं. इसी वजह से परिजनों ने पहचान के लिए डीएनए सैंपल जमा कराए हैं. उनके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन क्रैश साइट से सिर्फ 700 मीटर दूर थी.

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यह हादसा गुरुवार दोपहर 1:39 बजे हुआ था, जब एयर इंडिया का विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघाणीनगर इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज कैंपस पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर मौजूद 29 लोग भी मारे गए.

क्रैश साइट से 700 मीटर दूर आखिरी लोकेशन

लापता फिल्म मेकर की पहचान महेश कलावड़िया के तौर पर हुई है, जिन्हें महेश जिरावाला के नाम से भी जाना जाता है. वह नरोड़ा के रहनेवाले थे और म्यूजिक एल्बम्स बनाते थे. उनकी पत्नी हेतल ने बताया कि गुरुवार को वह किसी से मिलने लॉ गार्डन इलाके गए थे.

हेतल ने बताया, 'मेरे पति ने दोपहर 1:14 बजे फोन कर बताया कि उनकी मीटिंग खत्म हो गई है और वे घर आ रहे हैं. लेकिन जब वह घर नहीं लौटे तो मैंने बार-बार उन्हें कॉल किया, लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था. पुलिस को जानकारी दी गई तो मोबाइल की आखिरी लोकेशन क्रैश साइट से सिर्फ 700 मीटर दूर मिली.'

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'वो कभी उस रास्ते से नहीं आते...'
 
उन्होंने आगे कहा, 'करीब 1:40 बजे (जिस समय विमान ने उड़ान भरी थी) उनके फोन का नेटवर्क चला गया. उनका स्कूटर और मोबाइल फोन दोनों गायब हैं. सबसे अजीब बात यह है कि वह कभी उस रास्ते से घर नहीं आते थे, जहां उनकी आखिरी लोकेशन मिली. हमने डीएनए सैंपल दिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं वह उन लोगों में तो नहीं थे जो हादसे में जमीन पर मारे गए.'

डीएनए मिलान से हुई 47 शवों की पहचान

हादसे के कारण कई शव बुरी तरह जल गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इसलिए डीएनए जांच से मृतकों की पहचान की जा रही है. रविवार तक हादसे में 270 मौतों की पुष्टि हो चुकी है. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अब तक 47 शवों की पहचान डीएनए मिलान से हो चुकी है और 24 शव पीड़ित परिवारों को सौंपे गए हैं.

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