नोटबंदी के बाद गुजरात में गोबरबंदी, नियम तोड़ने पर गधे की सवारी!

नोटबंदी का विरोध करते हुए अमरेली के स्थानीय विधायक परेश धानानी का कहना है कि अगर नोटबंदी के बाद एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय की जा सकती है, तो जानवरों के गोबरबंदी के लिए क्यों नहीं.

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नोटबंदी के बाद गोबरबंदी नोटबंदी के बाद गोबरबंदी

गोपी घांघर / सुरभि गुप्ता

  • अहमदाबाद,
  • 03 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

गुजरात की अमरेली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत अजीब फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सड़क पर कोई भी जानवर अब 3 किलो से ज्यादा गोबर नहीं कर सकता है. अमरेली नगरीय प्रशासन ने 1 दिसंबर से एक नया नियम लागू किया है, जिसके मुताबिक आपकी गाय या भैंस एक दिन में निर्धारित जगह पर 3 किलो गोबर ही कर सकती है और बछड़े के लिए यह सीमा एक किलो की है.

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पालिका की अध्यक्ष अलकाबेन गोंडलिया ने कहा है कि ये कदम केंद्र सरकार के 'स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत' अभियान के सहयोग के रूप में उठाया गया है. इतना ही नहीं नियम का पालन ना करने वालों के लिए सजा भी अजीब ही तरह की तय की गई है. ऐसे लोगों को गधे पर बिठाकर सार्वजनिक तौर से अपमानित किया जाएगा. साथ ही जानवर कितना गोबर करते हैं, उसके लिए एक उड़न दस्ता भी बनाया गया है, जो गाय या भैंस के गोबर का साइज और वजन चेक करेगा.

दरअसल अमरेली पालिका में कांग्रेस का शासन है. नोटबंदी का विरोध करते हुए अमरेली के स्थानीय विधायक परेश धानानी का कहना है कि अगर नोटबंदी के बाद एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय की जा सकती है, तो जानवरों के गोबरबंदी के लिए क्यों नहीं. प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का नाम देकर शुरू किया गया ये अभियान एक ओर जहां लोगों की हंसी की वजह बना हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने विरोध का एक नया तरीका अपना लिया है.

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