'राहुल बाबा आप थकिए मत, अभी तो और हारना है...', कांग्रेस पर अमित शाह का तंज

अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की जीत का कारण उसके सिद्धांत हैं, जिनसे जनता जुड़ी है. वहीं कांग्रेस ने राम मंदिर, सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक, बांग्लादेशी घुसपैठियों को हटाने, काशी के नए मंदिर, धारा 370 हटाने, तीन तलाक समाप्त करने और कॉमन सिविल कोड जैसे हर बड़े फैसले का विरोध किया.

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अमित शाह ने कहा कि जनता को जो पसंद है उसका विरोध करने के कारण ही कांग्रेस को वोट नहीं मिलते. (File Photo: ITG) अमित शाह ने कहा कि जनता को जो पसंद है उसका विरोध करने के कारण ही कांग्रेस को वोट नहीं मिलते. (File Photo: ITG)

ब्रिजेश दोशी

  • गांधीनगर,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि 'अभी आप हार से थकिए मत. अभी तो आपको बंगाल और तमिलनाडु में भी हारना है.' अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि साल 2029 में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनेगी.

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'राहुल बाबा अभी आप थकिए मत...'

अमित शाह अहमदाबाद नगर निगम के 330 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, 'राहुल बाबा अभी आप थकिए मत. हार से मत थकिए. बंगाल और तमिलनाडु में हारना ही है. नक्की कर के रखिए.' उन्होंने कहा, '2029 में फिर एक बार पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनेगी. इसकी वजह बीजेपी के सिद्धांत हैं, जिनसे जनता जुड़ी हुई है.' 

'बीजेपी के हर फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया'

गृह मंत्री ने कहा, 'बीजेपी ने राम मंदिर बनाया, तो कांग्रेस ने विरोध किया. पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक हुई, तब भी विरोध हुआ. एयरस्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने विरोध किया. बांग्लादेशी घुसपैठियों को हटाने की बात आई, तो उसका भी विरोध किया गया. काशी का नया मंदिर बना, तब भी विरोध हुआ. कश्मीर से धारा 370 हटाई गई, तब भी कांग्रेस ने विरोध किया. तीन तलाक खत्म किया गया, तब भी विरोध हुआ. कॉमन सिविल कोड लाए गए, तो उसका भी विरोध किया गया.'

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'राहुल बाबा को समझाने की मेरी क्षमता नहीं'

अमित शाह ने कहा, 'जनता को जो-जो पसंद है, राहुल गांधी और कांग्रेस उसका विरोध करते हैं, फिर वोट कैसे मिलेंगे.' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'राहुल बाबा को समझाने की उनकी क्षमता नहीं है, क्योंकि जिन्हें उनकी खुद की पार्टी नहीं समझा पाई, उन्हें वे कैसे समझा पाएंगे.'

205 लोगों को दिए भूमि आवंटन प्रमाण पत्र

नवा वणझर गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने 205 लोगों को जमीन के मालिकाना हक के प्रमाण पत्र सौंपे. ये सभी लोग मूल रूप से साबरमती नदी के किनारे स्थित वणझर गांव के रहने वाले थे, लेकिन 1973 की भीषण बाढ़ में अपने घर, जमीन और सामान गंवाने के बाद उन्हें नवा वणझर में बसाया गया था.

इस मौके पर अमित शाह ने ‘वेस्टर्न ट्रंक लाइन’ का भी उद्घाटन किया. यह एक ड्रेनेज नेटवर्क है, जिससे शेला, साउथ बोपाल, शांतिपुरा और थलतेज जैसे नए विकसित इलाकों में रहने वाले करीब 15 लाख लोगों के यहां पैदा होने वाले सीवेज का निपटान किया जाएगा.

'आपने कभी शिकायत नहीं की, बस वोट देते रहे'

अमित शाह ने कहा कि इन लोगों को उस समय नवा वणझर में बसाया गया था, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन 50 साल बीत जाने के बावजूद उन्हें जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा, '1973 में आप लोगों ने इन्हें यहां बसाया, लेकिन पहचान कर इन्हें जमीन के कागज देने का काम नरेंद्र मोदी की पार्टी ने किया.'

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उन्होंने कहा कि ये लोग कभी आंदोलन पर नहीं उतरे और न ही उन्होंने अपनी समस्या उनके सामने रखी. वह पहले विधायक के तौर पर इस इलाके में आते रहे, लेकिन इन लोगों ने कभी शिकायत नहीं की और लगातार वोट देते रहे. इसके बावजूद सरकार ने उनकी समस्या को समझा और लंबे समय से लंबित मांग को संवेदनशील तरीके से पूरा किया. अमित शाह ने कहा कि यह मोदी सरकार की विकास-केंद्रित राजनीति की पहचान है, जिसमें लोगों की मांग सामने आने से पहले ही उनकी जरूरतों को पूरा किया जाता है.

'SIR को समझने में लगे हैं राहुल गांधी'

वेस्टर्न ट्रंक लाइन परियोजना को लेकर उन्होंने कहा कि इससे शहर के पश्चिमी इलाकों में रहने वाले करीब 15 लाख लोगों को फायदा होगा और कई क्षेत्रों में जलभराव और ड्रेनेज ओवरफ्लो की समस्या से राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि भले ही सीवर लाइन की कमी से लोगों को परेशानी होती रही, लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया. इसके बावजूद सरकार ने तय समय से पहले यह काम पूरा किया.

अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें यह समझने की जरूरत है, लेकिन वह स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन जैसी चीजों को समझने की कोशिश में लगे हैं, जो उनके बस की बात नहीं है.

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