माउंट एवरेस्ट के बेसकैंप तक पहुंचना कई लोगों का सपना होता है, लेकिन उम्र, जिम्मेदारियों और हालात के चलते यह सपना अधूरा रह जाता है. गुजरात की 63 साल की अलका व्यास ने इस सोच को तोड़ते हुए मई 2025 में माउंट एवरेस्ट के बेसकैंप तक का सफर पूरा किया.
अलका व्यास अहमदाबाद के ईशनपुर इलाके में रहती हैं और ओएनजीसी से रिटायर हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि 30 साल पहले नेपाल यात्रा के दौरान होटल की खिड़की से माउंट एवरेस्ट को देखा था और तभी मन में एक सपना पनपा. वह सपना इस साल 11 मई को पूरा हुआ. खास बात यह रही कि 11 मई उनकी शादी की सालगिरह भी है और उसी दिन उनकी बेटी ने अपना व्यापार शुरू किया था.
63 साल की महिला माउंट एवरेस्ट के बेसकैंप तक पहुंची
अलका के साथ चार अन्य गुजराती महिलाएं भी थीं. सूरत की कनक पटेल, वडोदरा की गीता मांडलिया, भावनगर की शीला राज्यगुरु और जामनगर की दीपाली जोशी. सभी ने मिलकर 5364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेसकैंप तक पहुंचने का सफर तय किया.
सपना माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचना है सपना
अलका बताती हैं कि उन्होंने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. प्राणायाम, व्यायाम और खानपान पर विशेष ध्यान दिया. रोज 7 घंटे की ट्रेकिंग होती थी. विदेशी ट्रेकर्स उन्हें देखकर उत्साहित होते थे और भारतीय गानों के साथ सेल्फी भी लेते थे. अलका अब तक पांच कैलाश यात्रा कर चुकी हैं और कैलाश मानसरोवर भी दो बार जा चुकी हैं. उनका अगला सपना माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचना है.
अतुल तिवारी