सरकारी नौकरी की लालच देकर आर्थिक धोखाधड़ी करके आंतरराज्य रैकेट चलाने वाले मुख्य सूत्रधार को गुजरात के अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने झारखंड से गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी बारहवीं पास ठग ने खुद को इनकमटैक्स अफसर बताकर लगभग 35 लोगों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगे हैं. आरोपी ने युवाओं तक पहुंचने के लिए एजेंट के तौर पर वेंडर्स की टीम और सरकारी डोमेन जैसी वेबसाइट तक बनाई हुई थी.
इनकम टैक्स अफसर बना देने का वादा
सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रही अहमदाबाद के बोपल में रहने वाली महिला द्वारा अहमदाबाद साइबर क्राइम में दर्ज शिकायत के मुताबिक आरोपी ने अपनी असल पहचान छिपाकर खुद को इनकमटैक्स अफसर बताया था. आरोपी ने महिला को इनकम टैक्स अफसर के तौर पर नौकरी दिलाने का वादा किया था. जिसके लिए इंकमटैक्स विभाग से मिलते जुलते ईमेल आईडी से ईमेल किया था. मेल के जरिए महिला को कोलकत्ता में इंटरव्यू और ट्रेनिंग के लिए बेंगलौर बुलाकर AG ऑफिस में ट्रेनिंग करवाई और जॉब के लिए 12 लाख रुपये मांगे थे.
इसके बाद महिला ने 9,20,000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे. आरोपियों ने महिला को OFFICE OF THE PRINCIPAL CHIF COMMISSIONER OF INCOME TAX, KARNATAKA AND GOA, REGION, BENGALURU हेडिंग वाले लेटरपैड पर डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ इंकमटैक्स के हस्ताक्षर वाला अपॉइंटमेंट लेटर तक दिया था.
सरकारी दिखने वाली ईमेल आईडी से मेल
अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी हार्दिक मांकड़िया ने कहा, सरकारी नौकरी का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाला 36 साल का मुख्य आरोपी अमन कुमार मात्र बारहवीं पास है और टेली - कंप्यूटर एकाउंटिंग का कोर्स किया हुआ है. आरोपी अपने शागिर्दों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत लोगों का संपर्क किया करता था. अपना गलत नाम बताकर युवाओं को अलग-अलग सरकारी एजेंसी, जैसे की रेलवे, इनकम टैक्स, फूड, स्वास्थ्य विभाग जैसी ऑफिस के नाम के साथ मिलती-जुलती ईमेल आईडी बनाकर ईमेल भेजकर, बड़े शहरों में बुलाकर नामचीन होटल में इंटरव्यू लिया करता था. इसके अलावा खुद ही ट्रेनिंग के लिए जगह तय करके ट्रेनिंग देकर युवाओं के पास से प्रोसेसिंग और अन्य कार्यवाही के लिए लाखों रुपये वसूलकर धोखाधड़ी करता था.
35 युवाओं से करोड़ों की ठगी
मांकड़िया ने कहा, आरोपी अमन कुमार ने पिछले एक साल में 35 युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने की लालच देकर प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये तक की धोखाधड़ी की थी. इसमें से 50 प्रतिशत रकम वो खुदके पास रखता बाकी 20 प्रतिशत रकम वेंडर्स को देता और बची हुई रकम में से होटल समेत डॉक्युमेंट्स का खर्च निकालता था. अहमदाबाद की महिला को कोलकत्ता में ट्रेनिंग दी गई थी, जहां महिला के अलावा 20 से ज्यादा लोग मौजूद थे.
पैसे मिलते ही फोन बंद
युवाओं को विश्वास पैदा हो इसके लिए आरोपी खुद को सरकारी ऑफिस में बड़े पद पर कार्यरत बताया करते थे. युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र, कॉल लेटर, मेमो, स्लीप, नकली डॉक्यूमेंट तैयार करके ईमेल किया करते थे. इंटरव्यू लेने के बाद युवाओं को सेलेक्ट करके तुरंत फॉर्मेलिटी प्रोसेसिंग फी समेत खर्च के बहाने बड़ी रकम वसूली करते थे. पैसे ट्रांसफर करने के लिए आर्थिक जरूरतमंद लोगों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया करते थे. आरोपी मोबाइल फोन, व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए लगातार युवाओं के साथ संपर्क में रहकर उनका विश्वास बनाए रखते थे. एक बार आरोपियों को पैसे मिल जाते उसके बाद फोन बंद कर दिया जाता था. अगर कोई पैसे वापस मांगता तो उसे धमकी तक दी जाती थी.
बता दें कि झारखंड से गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी अमनकुमार के खिलाफ इससे पहले जोब फ्रॉड मामले में साल 2023 में सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन, मुंबई में भी एक केस दर्ज हुआ है.
अतुल तिवारी