दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना आधिकारिक निवास छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने रविवार को कहा कि वह 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी नवरात्रि के दौरान सीएम आवास को छोड़कर चले जाएंगे.
17 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने झूठे मामले में फंसाने के लिए बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि वो 'बेईमानी के दाग' के साथ नहीं रह सकते हैं.
बेईमान होता तो मुफ्त बिजली नहीं देता: केजरीवाल
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा, 'मैं बेईमान होने का कलंक लेकर काम करना तो दूर, जी भी नहीं सकता, अगर मैं बेईमान होता, तो क्या मैं महिलाओं के लिए बिजली और बस यात्रा मुफ्त कर देता? क्या मैं सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार करता?"
उत्पाद शुल्क नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं, न कि सत्ता या पद के लालच में.
पूरी ईमानदारी से चलाई सरकार: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि बीते दस सालों में AAP ने दिल्ली में पूरी ईमानदारी से सरकार चलाई और लोगों को मुफ्त पानी और बिजली जैसी सुविधाएं दीं, उन्होंने दावा किया भाजपा इससे परेशान है.
केजरीवाल ने आरोप लगाया, 'इससे परेशान होकर मोदी जी ने सोचा कि अगर उन्हें चुनाव जीतना है और आम आदमी पार्टी को हराना है, तो उन्हें हमारी ईमानदारी पर हमला करना चाहिए और इसलिए उन्होंने हमें झूठे मामले में फंसाया और जेल भेज दिया.'
बीजेपी के झूठे आरोपों से दुख होता है: केजरीवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत थे और उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान केवल सम्मान कमाया है, पैसा नहीं. उन्होंने कहा, 'मैं नेता नहीं हूं, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है इससे मुझे फर्क पड़ता है, जब भाजपा के लोग कीचड़ उछालते हैं और मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाते हैं तो मुझे दुख होता है.'
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